फेसबुक को दुनियाभर में करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लगभग हर तरह की बहस होती है। मंगलवार को सोशल मीडिया दिग्गज ने कहा कि 2018 के पहले तीन महीनों में फेसबुक ने तकरीबन 58.3 करोड़ से अधिक ऐसे फर्जी अकाउंट को बंद किया है जो कि सेक्स और हेट स्पीच को बढ़ावा देते थे। इन अकाउंट्स को बंद करने के लिए फेसबुक लंबे समय से काम कर रहा था, जिससे वो अपने बिजनेस करने के तरीके को ज्यादा पारदर्शी बना सके। कैंब्रिज ऐनालिटिका डेटा प्रिवेसी स्कैंडल के बाद पारदर्शिता को लेकर एक रिपोर्ट में फेसबुक ने अपने 'कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स' के तहत ऐसे कॉन्टेंट के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। फेसबुक ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से टेक्नॉलजी की मदद से करीब 3 करोड़ 40 लाख पोस्ट्स (ग्राफिक वॉइलेंस) पर कार्रवाई की गई। अक्टूबर-दिसंबर 2017 की तरह ही 2018 के पहले तीन महीनों में भी इस तरह की पोस्ट्स की संख्या करीब 21 मिलियन रही। मार्क जुकरबर्ग ने लिखा पोस्ट
इस बात की जानकारी फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपनी एक पोस्ट के जरिए दी। फेसबुक ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल और टेक्नॉलजी की मदद से करीब ग्राफिक वॉइलेंस वाली पोस्ट को डिलीट किया गया है। फेसबुक ने खुद 38 फीसदी कन्टेंट को ही पहचाना, जबकि बाकी सबकी शिकायत फेसबुक यूजर्स द्वारा की गई थी।
200 ऐप्स पर भी गिरी गाज
इसके साथ ही कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद 200 से अधिक ऐप्स के लिंक को हटा दिया है। कंपनी ने कहा कि यह ऐप्स यूजर्स के निजी डाटा का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे थे। फेसबुक के प्रोडक्ट पार्टनरशिप वाईस प्रेसिडेंट इमी आर्कबोंग ने जानकारी देते हुए बताया है कि फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है और हमारे एक्सपर्ट्स इन ऐप्स की जांच कर रहे हैं।
बिना किसी अलर्ट के किया डिलीट
जानकारी के मुताबिक, फेसबुक ने करीब 19 लाख ऐसी पोस्ट्स के खिलाफ कार्रवाई की जो आतंकी विचारों को बढ़ावा देने वाली थी। कंपनी के मुताबिक, इन सबको बिना किसी अलर्ट के डिलीट कर दिया गया जिसका श्रेय कंपनी ने बेहतर हुई फोटो डिटेक्शन टेक्नोलॉजी को दिया।