घरेलू हवाई यात्रा हो सकती है महंगी, केंद्रीय उड्डयन मंत्री बोले- किराया सीमा नहीं बढ़ाई गई, तो उड़ान भरना हो जाएगा मुश्किल

हवाई यात्रा महंगी हो सकती है। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को 'टाइम्स नाउ समिट 2021' में कहा कि अगर घरेलू हवाई यात्रा के लिए किराए की सीमा नहीं बढ़ाई गई, तो भारत में विमानन कंपनियों के परिचालन में कठिनाई पैदा हो जाएगी, क्योंकि तेल (ईंधन) की कीमत पिछले आठ महीनों में 22 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 85 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि देश में विमानन कंपनियों की कुल लागत संरचना में विमानन ईंधन (FTA) की हिस्सेदारी लगभग 40% है।

घरेलू हवाई यात्रा इस साल 12 अगस्त को महंगी हो गई, जब उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू किराए पर निचली और ऊपरी सीमा को बढ़ा दिया था। मंत्रालय ने 40 मिनट तक की अवधि वाली उड़ानों के लिए निचली सीमा को 2,600 रुपये से 11.53% बढ़ाकर 2,900 रुपये कर दिया था। इन उड़ानों के लिए ऊपरी सीमा को 12.82% बढ़ाकर 8,800 रुपये कर दी गई।

सिंधिया ने कार्यक्रम में कहा कि देखिए FTA की कीमतों का क्या हुआ है। पिछले आठ महीनों में तेल की कीमतें 22 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 85 डॉलर हो गई हैं। इसलिए, विमानन कंपनियों की लागत चार गुना बढ़ गई है। इस पर 11% का उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारों द्वारा एक प्रतिशत से 30% के बीच का VAT (मूल्यवर्धित कर) लगाया जाता है। एक विमानन कंपनी कैसे जीवित रहेगी, जब तक कि वह (FTA) किफायती नहीं हो जाता?

विमानन मंत्रालय द्वारा किराया सीमा बढ़ाने का कारण यह है कि कच्चे माल की कीमतों में 400% की बढ़ोतरी होने पर विमानन कंपनियों को कुछ राहत दी जानी चाहिए।

सिंधिया ने कहा कि उड्डयन मंत्रालय राज्य सरकारों से अपने वैट शुल्क को कम करने के लिए कहकर एटीएफ की कीमतें कम करने की कोशिश कर रहा है। पिछले चार महीनों में, मैंने 25 मुख्यमंत्रियों को यह समझाने के लिए पत्र लिखा है कि कैसे वैट राज्यों की संपर्क सुविधा को रोक रहा है।

सिंधिया ने कहा कि पिछले 40 दिनों में, जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा ने FTA पर वैट 25-28 प्रतिशत से घटाकर 1-2 प्रतिशत कर दिया है। मैं इन राज्यों के नेतृत्व को सलाम करता हूं।