वूहान से लौटे छात्र ने सुनाई आपबीती, कहा - सड़कें, गलियां सुनसान, वीरान हुआ शहर

दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में कोरोना वायरस (COVID-19) ने अपने पैर पसार लिए है। इस वायरस की वजह से मरने वालों का आकड़ा दिन-भर दिन बढ़ता जा रह है। दुनिया भर में करीब 1 लाख लोग कोरोना की चपेट में हैं। साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन में अबतक 3,042 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में 80,000 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित है। यह तो हम सभी जानते है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से फैला है लेकिन इस वायरस के फैलने के बाद वहां के हालात क्या है इसके बारे में हाल ही में चीन के वुहान शहर से लौटे एक छात्र ने बताया। वुहान के पास स्थित एक विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्र आशीष कुर्मे ने बताया कि पूरा शहर वीरान पड़ा हुआ है, सड़कें/गलियां सुनसान हैं, सार्वजनिक परिवहन बिल्कुल ना के बराबर दिख रहे हैं। कुर्मे ने बताया कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 8 दिसंबर 2019 को आया था लेकिन उसके इस कदर फैल जाने की सूचना उन्हें जनवरी के पहले हफ्ते में मिली।

कुर्मे ने बताया कि शुरुआत में शहर में कहीं भी आने-जाने पर रोक नहीं थी लेकिन कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही सबकुछ बंद कर दिया गया। आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया। कुर्मे ने बताया कि विश्वविद्यालय में 27 दिसंबर 2019 से 3 जनवरी 2020 के बीच परीक्षाएं हुईं।

सड़कों पर लाशें पड़ी होने का वीडियो पूरी तरह गलत

कुर्मे ने दावा किया कि वुहान की सड़कों पर लाशें पड़ी होने की वीडियो पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने कहा कि भारत आने के बाद मुझे ऐसे वीडियो का पता चला। उन्होंने कहा कि जनवरी के पहले हफ्ते से ही प्रतिदिन शरीर के तापमान की निगरानी शुरू कर दी गई थी। हम लोग आराम से घूम रहे थे और मैं 23 जनवरी तक अपने दोस्तों के पास और बाजार भी गया। लेकिन इस दिन तालाबंदी की घोषणा की गई और हमारी आवाजाही रोक दी गई। कुर्मे ने बताया कि हमें अपने घरों में बंद कर दिया गया और हमारें शिक्षकों ने हमारी जरूरतों का ध्यान रखा। जब तक हम वहां थे, किसी चीनी नागरिक को हमारे प्रांगण में प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी।

हालात बिगड़ने के बाद हमने घर लौटने का फैसला किया। कुर्मे ने कहा कि हमें मास्क दिए गए थे। तालाबंदी के बाद हमारे स्वास्थ्य की कड़ी निगरानी की जा रही थी। हमने भारत वापस जाने का फैसला लिया लेकिन पता चला कि वुहान हवाईअड्डा बंद है।

कुर्मे ने बताया कि बीजिंग स्थित भारतीय उच्चायोग ने बस का इंतजाम किया और हमें हवाईअड्डे लाया गया। उन्होंने बताया कि वापस आने के बाद मुझे 14 दिनों के लिए पृथक रखा गया और अवलोकन की अवधि पूरी होने के बाद घर (लातूर) भेज दिया गया। कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित चीन में इसके चलते तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

आपको बता दे, भारत में भी कोरोना अपने पैर पसार रहा है। शुक्रवार को दिल्ली से कोरोना वायरस का एक और मामला पॉजिटिव आया है जिसके साथ यह संख्या बढ़कर 31 हो गई है। कोरोना वायरस की वजह से लोगों में घबराहट और डर का माहौल बन रहा है।