छत्तीसगढ़ में महंगी हुई बिजली, प्रति यूनिट 37 पैसे बढ़ा टैरिफ

छत्तीसगढ़ में तीन साल बाद बिजली महंगी हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (CSERC) ने राज्य के हर उपभोक्ता के लिए पावर टैरिफ में 37 पैसा प्रति यूनिट की वृद्धि की है। बढ़ी हुई दरें एक अगस्त से ही प्रभावी की जा चुकी है। अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। सीएसईआरसी के सचिव पीके शुक्ला ने बताया कि राज्य अब धीरे-धीरे कोरोना की स्थिति से उबर रहा है। ऐसे में आयोग ने महसूस किया कि पावर टैरिफ के प्लान में बदलाव किया जाए। अगर अभी ऐसा नहीं किया गया, तो राज्य बिजली कंपनियों का संचित राजस्व अंतराल बढ़ता जाएगा। इससे आगे चलकर उपभोक्ताओं पर ज्यादा दबाव पड़ेगा। इसको देखते हुए मध्यम मार्ग अपनाया गया है ताकि उपभोक्ताओं पर भी बोझ न आए और हमारी कंपनियों ने जो लागत लगाई है, उनका भी समाधान हो जाए।

ऐसे बढ़ाए गए रेट

- वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आयोग ने बिजली की औसत दर 6.41 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की है। पिछले साल यह दर 5.93 रुपए प्रति यूनिट थी।

- घरेलू उपभोक्ताओं के लिए हर महीने 100 से कम यूनिट के लिए औसत दर 3.40 रुपए प्रति यूनिट से बढ़ाकर 3.60 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है।

- 100 से 200 यूनिट की खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पावर टैरिफ औसत दर 3.60 रुपए प्रति यूनिट से बढ़ाकर 3.80 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है।

- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इकाइयों के लिए टैरिफ पहले की तरह 5 रुपए प्रति यूनिट जारी रहेगा।

- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार संपर्क का विस्तार करने के लिए 1 अप्रैल 2019 के बाद स्थापित होने वाले मोबाइल टावरों पर बिजली सरचार्ज पर 50% की छूट जारी रहेगी।

- आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा प्रतिष्ठानों को बिजली अधिभार में छूट 5 से बढ़ाकर 7% कर दी गई है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल योजना में राज्य सरकार की आधी छूट का लाभ मिलता रहेगा।

घरेलू कनेक्शन के स्लैब में भी हुआ बदलाव

इसी तरह वर्तमान में लागू सिंगल फेज उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज की सीमा 3 किलोवॉट से बढ़ाकर 5 किलोवॉट कर दी गई है। अभी तक खपत के आधार पर तय फिक्स्ड चार्ज को अब कनेक्टेड लोड और टेलिस्कोपिक आधार पर लिया जाएगा।