आंध्र प्रदेश : कुर्सी जाने के बाद मुश्किल में चंद्रबाबू नायडू, आलीशान बंगले पर आधी रात को चला बुलडोजर

आंध्र प्रदेश के नए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू का सरकारी आवास 'प्रजा वेदिका' का विवादित हिस्सा तोड़ा जा रहा है। बता दें कि तोड़फोड़ का काम शुरू होने के वक्त चंद्रबाबू नायडू मौके पर मौजूद नहीं थे। वह परिवार के साथ लंबी छुट्टी पर थे, सुबह ही लौटे हैं। अब वे सीधे प्रजा वेदिका पहुंच गए हैं। मौके पर टीडीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता भी मौजूद हैं। विरोध के बीच एक जेसीबी, 6 ट्रक और 30 मजदूर बिल्डिंग को तोड़ रहे हैं।

बिल्डिंग का यह विवादित हिस्सा चंद्रबाबू नायडू के बंगले से सटा है। इसे वो अपने मुख्यमंत्री काल में कार्यालय की तरह इस्तेमाल करते थे और जनता के साथ-साथ अधिकारियों से रूबरू होते थे। इसे अमरावती कैपटल डेवलपमेंट ऑथोरिटी ने बनवाया था और अब जगन मोहन रेड्डी सरकार ने इसे तोड़ने का फैसला किया क्योंकि इसका निर्माण नदी तट पर 'ग्रीन' नियमों के खिलाफ हुआ है।

मुख्यमंत्री आवास के रूप में बना था प्रजा वेदिका

प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के रूप में किया था। पांच करोड़ रुपए में बने इस आवास का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक कार्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे।

इससे पहले परिसर में जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की दो दिवसीय बैठक के बाद फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हटाने का काम किया गया था। साथ ही तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं के विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए पुलिस की एक बड़ी टीम को भी परिसर के बाहर तैनात किया गया।

चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा में हो रही कटौती

आंध्र प्रदेश की सत्ता से विदाई के बाद चंद्रबाबू नायडू को मिल रही सहूलियतें कम होती जा रही हैं। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में भी कटौती की गई है। बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है। पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है।

जगन ने ठुकरा दी थी नायडू की मांग

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 'प्रजा वेदिका' के विवादित हिस्से को तोड़ने का आदेश दिया था, जिस पर प्रशासन ने मंगलवार देर रात से कार्रवाई शुरू कर दी है। आज यानी बुधवार को भी बिल्डिंग तोड़ने का काम किया जा रहा है। इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने 'प्रजा वेदिका' को विपक्ष के नेता का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी, लेकिन सीएम जगन मोहन रेड्डी ने मांग को ठुकरा दिया था।

विपक्ष का आरोप, फेंका गया नायडू का सामान

सीएम जगन मोहन रेड्डी के बिल्डिंग तोड़ने के आदेश के बाद विपक्ष ने कई आरोप लगाए। टीडीपी नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी सामानों को बाहर फेंक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के निर्णय के बारे में पार्टी को बताया तक नहीं गया।

चंद्रबाबू नायडू के साथ जगन जैसा बर्ताव

प्रजा वेदिका को तोड़ने के आदेश पर आंध्र प्रदेश के नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने तंज कसते हुए कहा था कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता प्रतिपक्ष थे।

बता दें कि आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में तेलुगू देशम पार्टी को को जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। जिसने 151 सीटों पर जीत हासिल कर 175 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया था।