बीजेपी ने मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार का ऐलान कर दिया। इसके लिए एनडीए ने 64 साल की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का चुनाव किया है। वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं। हैरानी की बात ये है कि इतने बड़े पद के लिए उम्मीदवार चुने जाने से पहले पहले खुद द्रौपदी मुर्मु को इस बात की जानकारी नहीं थी। जनजातीय नेता से राज्यपाल तक का सफर तय करने वाली मुर्मू ने कहा कि उन्हें टीवी के जरिये जानकारी मिली कि उन्हें राजग की ओर से देश के सर्वोच्च पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'मैं आश्चर्यचकित हूं और मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैं आप सभी की आभारी हूं और ज्यादा बोलने की इच्छा नहीं है। संविधान में राष्ट्रपति की जो भी शक्तियां हैं मैं उसके अनुसार काम करूंगी।'
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'हमारा काम लोगों के पास जाना है। हमें निर्वाचित सदस्यों तक पहुंचना और उनका सहयोग लेना है। मैं सभी दलों और राज्यों से समर्थन के लिए अपील करूंगी।' उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने आदिवासी महिला का चयन कर के भाजपा के नारे 'सबका साथ सबका विश्वास' को सिद्ध कर दिया है। मुर्मू ने कहा, 'मुझे आशा है कि मुझे ओडिशा के सभी विधायकों और सांसदों का समर्थन प्राप्त होगा।' द्रौपदी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उनके पैतृक मयूरभंज जिले में खुशी का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने कही ये बातउधर, ओडिशा के सीएम और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'द्रौपदी मुर्मू का NDA के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में होना ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे साथ इस पर चर्चा की तो मुझे बहुत खुशी हुई। वो देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी।' नवीन पटनायक का ये बयान द्रौपदी मुर्मू की अपील पर फाइनल मुहर माना जा रहा है। बता दे, राष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में बीजद के पास 2.8% से ज्यादा मत हैं।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में हुआ। वे 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं, जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया।
मुर्मू 2013 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं। 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था। वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी। वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं।
राज्यों और केंद्र में जिस तरह की स्थितियां हैं, उससे एनडीए के उम्मीदवार का राष्ट्रपति बनना तकरीबन तय है। विपक्ष की ओर से देश के सबसे बड़े पद के लिए मंगलवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम की घोषणा की गई। अगर मुर्मू मुकाबले में सफल हुईं तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी।