अमरनाथ यात्रा : 26 साल में हुए 14 आतंकी हमले, 68 लोगों की मौत, इस बार सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती

15 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में बाबा बर्फानी के दर्शन की शुरुआत आज 1 जुलाई से हो गई है। सुबह 7 बजे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यापाल मलिक के साथ पहली पूजा के बाद से श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन कर रहे हैं। 15 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा को सुरक्षित संपन्न कराने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। सुरक्षाबलों ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पिछले साल 2,85,006 श्रद्धालुओं ने पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन किए थे। श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या को सुरक्षा मुहैया कराना बड़ी चुनौती है। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षाबलों के 40 हजार जवानों को तैनात किया गया है। इस साल आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हर गली और कोनों पर सीसीटीवी कैमरा लगाये गये हैं। केन्द्र सरकार के निर्देश पर आधुनिक बुलेटप्रूव गाड़िया घाटी भेजी गई है। घने जंगल के क्षेत्र की निगरानी के लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है, जहां आतंकवादी छिप जाते है।

जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सख्त रुख अपनाने और घाटी में आतंकियों के सफाये के लिए चल रहे 'ऑपरेशन ऑलआउट' के मद्देनजर इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑलआउट में इस साल अब तक 130 आतंकियों को ढेर किया है। हाल में 12 जून को हुए अनंतनाग हमले ने अमरनाथ यात्रा के लिए खतरे का अलर्ट और बढ़ा दिया है। अमरनाथ यात्रा के रूट में पड़ने वाले अनंतनाग में 12 जून को आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 5 जवान शहीद हो गए। जबकि आतंकियों से लोहा लेते हुए अनंतनाग के पुलिस इंस्पेक्टर अरशद खान भी शहीद हो गए थे। कश्मीर में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। इसके मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए गृह मंत्रालय ने भी खास तैयारी की है। यात्रा रूट पर IED के खतरे को देखते हुए। BDT टीम की संख्या दो गुनी की गई है। साथ ही 40 ऐसे नए एक्सपर्ट को लगाया जा रहा है जिन्होंने हाल ही में IED से निपटने की खास ट्रेंनिग ली है। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा को ज्यादा हाईटेक करने के लिए 55 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए हैं। पहलगाम के नुनवान कैंप और बालटाल कैंप की सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो तैनात किए गए है।

आतंकियों ने कब-कब बनाया अमरनाथ यात्रा को निशाना

पाकिस्तान की शह पर 1980 के दशक के आखिर में कश्मीर में आतंकवाद का उभार हुआ। साल 1993 में पहली बार आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया। अमरनाथ यात्रा पर सबसे बड़ा हमला साल 2000 में हुआ। आतंकियों ने 2 अगस्त 2000 को अमरनाथ यात्रियों के पहलगाम बेस कैंप में अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में 32 श्रद्धालु, स्थानीय दुकानदार और पोर्टरों की जान गई। 2017 में श्रद्धालुओं की बस पर हुआ हमला सबसे ताजा हमला है। 1993 से अबतक 26 साल में अमरनाथ यात्रा पर 14 हमले हो चुके हैं जिनमें 68 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

- 1993 : पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन हरकत उल अंसार और लश्कर ए तैय्यबा की लगातार धमकियों के बीच 1993 में अमरनाथ यात्रा पर पहला हमला हुआ था। उस साल हुए दो हमलों में तीन लोगों ने अपनी जान गंवाई।

- 1994 : अमरनाथ यात्रा पर 1 आतंकी हमला हुआ। जिसमें दो अमरनाथ यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

- 1995 : अमरनाथ यात्रियों पर 3 हमले हुए, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ।

- 1996 : अमरनाथ यात्रियों पर 2 हमले हुए। लेकिन जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।

- 2000 : आतंकियों ने साल 2000 में अमरनाथ यात्रा पर सबसे बड़ा हमला किया। आतंकियों ने 2 अगस्त 2000 को अमरनाथ यात्रियों के पहलगाम बेस कैंप में अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में 32 श्रद्धालु, स्थानीय दुकानदार और पोर्टरों की जान गई। इस बर्बर आतंकी हमले में 60 से अधिक लोग घायल भी हुए। इस हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का हाथ बताया गया। ये हमला अमरनाथ यात्रा पर हुआ अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

- 2001: 20 जुलाई 2001 को आतंकियों ने पहलगाम बेस कैंप से आगे शेषनाग लेक के पास अमरनाथ यात्रियों के एक कैंप पर दो हथगोले फेंके। जिसमें 12 लोगों की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए थे।

- 2002 : 30 जुलाई 2002 को श्रीनगर में श्रद्धालुओं की प्राइवेट टैक्सी को निशाना बनाया। इस हमले में 2 यात्रियों की मौत हो गई और 2 लोग घायल हुए।

- 2002 : लश्कर के आतंकियों ने 6 अगस्त 2002 को पहलगाम के ननवान कैंप के पास ग्रेनेड फेंका और गोलीबारी की। इस हमले में 9 लोगों की मौत हुई और 27 लोग घायल हुए।

- 2006 : साल 2006 में आतंकियों ने फिर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया। आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस पर ग्रेनेड फेंका। जिसमें 1 श्रद्धालु की मौत हो गई थी।

- 2017 : 2006 के हमले के बाद करीब 11 साल तक आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने में सफल नहीं हो सके। लेकिन 10 जुलाई 2017 को फिर आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया। अनंतनाग में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस पर अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हुए। हालांकि, यात्रियों की ये बस सुरक्षाबलों के आधिकारिक काफिले का हिस्सा नहीं थी। इसलिए आतंकी अपने मंसूबे में सफल हो गए। लश्कर आतंकी अबु इस्माइल की अगुवाई में आतंकियों ने इस हमले की प्लानिंग की थी और अंजाम दिया था। सुरक्षाबलों ने इस हमले में शामिल आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ कई ऑपरेशन चलाए और 60 दिन के अंदर पूरे आतंकी मॉड्यूल का सफाया कर दिया।

बता दे, जम्मू से अमरनाथ यात्रियों का दूसरा जत्था भी बालटाल और पहलगांव के लिए रवाना हो गया है। यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के साथ-साथ अद्धसैनिक बलों और सेना के पास है। यात्रा को सुरक्षित संपन्न कराने के लिए हर संभव कोशिश की गई है। दोनों ही रास्तों से एक दिन में अधिकतम 15 हज़ार लोग बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे।