'मेरे पास और भी महत्वपूर्ण काम हैं...', कांग्रेस के ट्रोल पर शशि थरूर का करारा जवाब

भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के आतंकवादी चेहरे को बेनकाब करने के उद्देश्य से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भेजा गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर भी शामिल हैं। पनामा में एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर ने एक बयान दिया कि बीजेपी सरकार के दौरान पहली बार क्रॉस-बॉर्डर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। इस बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया और कांग्रेस नेतृत्व इससे खासा नाराज नजर आया। इस विवाद के बाद शशि थरूर ने सफाई पेश की है।

थरूर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उनके पास आलोचकों के लिए समय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल आतंकवादी हमलों के जवाब में की गई कार्रवाइयों की बात की थी, न कि युद्धों या भारत के सैन्य इतिहास की। थरूर ने बताया कि उनकी टिप्पणी हाल के वर्षों में हुए कई हमलों के संदर्भ में थी, जिनमें भारत की प्रतिक्रिया काफी संयमित रही है।

थरूर ने आगे लिखा कि पनामा में एक लंबे और सफल दिन के बाद उन्हें आधी रात के समय वहां से निकलकर छह घंटे की यात्रा के बाद बोगोटा, कोलंबिया जाना है। ऐसे में उनके पास इन विवादों में उलझने का समय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी बात हाल की घटनाओं पर केंद्रित थी, न कि ऐतिहासिक युद्धों पर। थरूर ने कट्टर आलोचकों को भी संबोधित किया जो उनके नियंत्रण रेखा पार भारतीय वीरता के संदर्भ में दिए गए कथित बयान पर भड़क उठे हैं। उन्होंने व्यंग्य में कहा कि हमेशा की तरह, आलोचक और ट्रोल उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए स्वतंत्र हैं। अंत में उन्होंने लिखा, “मेरे पास वास्तव में करने के लिए और भी बेहतर काम हैं। गुड नाइट।”

थरूर का असल बयान क्या था?

शशि थरूर ने पनामा सिटी में कहा था कि हाल के वर्षों में बड़ा बदलाव यह आया है कि अब आतंकवादियों को भी यह अहसास हो गया है कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, इसमें अब कोई संदेह नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि साल 2016 में पहली बार भारत ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर उरी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था, जो इससे पहले कभी नहीं किया गया था।

थरूर ने यह भी कहा कि कारगिल युद्ध के समय भी भारत ने नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया था, लेकिन उरी के मामले में भारत ने ऐसा किया। और जब जनवरी 2019 में पुलवामा हमला हुआ, तब भारत ने न सिर्फ एलओसी बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा को भी पार किया और बालाकोट में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया।

उदित राज ने किया निशाना

शशि थरूर के इस बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “काश मैं पीएम मोदी को मना पाता कि वे आपको बीजेपी का सुपर प्रवक्ता बना दें, या विदेश से लौटने से पहले ही आपको विदेश मंत्री नियुक्त कर दें।” उन्होंने सवाल उठाया कि शशि थरूर कैसे यह कह सकते हैं कि पीएम मोदी से पहले भारत ने कभी एलओसी या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की थी।

उदित राज ने आगे कहा कि 1965 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में प्रवेश किया, जिससे लाहौर सेक्टर में पाकिस्तान हैरान रह गया। 1971 में भारत ने पाकिस्तान को दो भागों में बाँट दिया और यूपीए सरकार के दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक की गईं, लेकिन उसका राजनीतिक प्रचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया, आप उसी के प्रति कैसे इतना बेईमान हो सकते हैं?”

कांग्रेस की 6 सर्जिकल स्ट्राइक का दावा

थरूर के बयान के बाद उदित राज ने इतिहास की याद दिलाते हुए सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान पर छह बार सर्जिकल स्ट्राइक की, लेकिन उसका श्रेय खुद नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सेना का पराक्रम और शौर्य उसी का था और रहना भी चाहिए। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की भी सराहना की। उन्होंने सवाल उठाया कि बीजेपी किस सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार कर रही है? उन्होंने कहा कि सेना का सम्मान करना कांग्रेस जानती है, बीजेपी कैसे सेना का सम्मान और उसका श्रेय लेने का दावा कर सकती है? अंत में उन्होंने लिखा कि सेना का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।