बढ़ते हुए कोलेस्ट्रॉल को लाना हैं नियंत्रण में, इन 6 योगासन को बनाए दिनचर्या का हिस्सा

कोलेस्ट्रॉल नेचुरल बॉडी फैट होता है, जो शरीर में खुद ही बनता है। इसका सिमित मात्रा में होना सेहत के लिए फायदेमंद होता हैं, यह शरीर के सामान्य कामकाज और रखरखाव के लिए भी जरूरी है। लेकिन बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल शरीर में कई बीमारियां लेकर आता हैं। दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का एक सबसे बड़ा कारण हाई कोलेस्ट्रॉल ही है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को बनाए रखने के लिए आपको पौष्टिक आहार लेने और जंक फूड से दूरी बनाने की सलाह दी जाती हैं। लेकिन कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई हो जाता हैं तो आपको योगासन की मदद भी लेनी चाहिए। आप नियमित रूप से योग के अभ्यास से कोलेस्ट्रॉल के लेवल को संतुलित रख सकते हैं। हम आज आपको कुछ ऐसे ही योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जो बढ़ते हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में लाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...

वज्रासन

वज्रासन का अभ्यास सेहत के लिए बहुत उपयोगी होता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल में रखने के लिए इस तरीके से वज्रासन का अभ्यास करें। इसे करने के लिए सबसे पहले दण्डासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने हाथों को अपने कूल्हों के पास रखें। अब अपने दांए पैर को मोड़ें और दाएं कूल्हे के नीचे रखें और फिर अपना बांया पैर मोड़कर बांए कुल्हे के नीचे रखें। सुनिश्चित करें कि आपकी जांघे सटी हुई हों और आपके अंगूठे आपस में जुड़े हुए हों। अब अपने हाथों को घुटनों पर रखें। सुनिश्चित करें कि आपकी ठोड़ी आपके समानान्तर हो। अपना मेरूदंड सीधा रखें और शरीर को ढीला छोड़ें। अब सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें। और कुछ देर तक आराम से रहें।

उत्तानपादासन

यह आसन पेट के अंगों को मजबूत बनाता है और अंगों की मालिश करता है। पाचन तंत्र, पीठ के निचले भाग, हिप्स और जांघों से जुड़ी समस्याओं में बहुत ही लाभदायक है यह आसन। पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को सिर के पीछे या हिप्स के नीचे रख लें। सांस भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं जितना आप उठा सकते हैं। तीन से पांच सेकेंड रूकें रहें। फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लेकर आएं। 4 से 5 बार करना फायदेमंद रहेगा।

शलभासन

शलभासन कोलेस्ट्रॉल को कम करने और संतुलित रखने के लिए बहुत फायदेमंद योगासन है। शलभासन के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को सीधा रखकर अपने पंजों को आगे की ओर बढ़ाएं। साथ ही अपने हाथों की मुट्ठी बनाकर अपनी थाई इसके नीचे दबा लें। ध्यान रखें कि मुंह एकदम सीधा हो और नज़रे एकदम सामने। अब अपने पैरों को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें और पैरों को नीचे लेकर आएं इस अभ्यास को कम से कम 4 से 5 बार दोहराएं।

पश्चिमोत्तानासन

इस आसन को करना आसान है। पश्चिमोत्तासन करने के फायदों की बाद करें तो यह मोटापा कम करने में असरदार है, इसे करने पर पेट की समस्याएं दूर रहती हैं और बढ़े हुए कॉलेस्ट्रोल से मुक्ति मिलती है। इसे करने के लिए सबसे पहले पैरों को सामने की तरह फैलाकर बैठें। अब अपनी कमर को मोड़ते हुए हाथों से पैरों के पंजो को छूने की कोशिश करें। आपकी कमर मुड़ी हुई होनी चाहिए और सिर दोनों पैरों के बीच में घुटनों के पास। इसे 1 से 2 मिनट तक होल्ड करने की कोशिश करें और फिर अपनी पहले वाली पोजीशन में आ जाएं।

चक्रासन

चक्रासन एक मध्यम श्रेणी का योगासन है जिसका नियमित अभ्यास शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। चक्रासन के लिए पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथ व पैर सीधे रखें। पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं व दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाकर उन पर भार डालें और कोहनी को भी सीधा रखें। अब हाथ और पैरों को एकदम सीधा कर लें और जितनी देर संभव हो उतनी देर करें रहें। अंत में आसन करते हुए लम्बी गहरी सांस लें और उसी पोजीशन में वापस आ जाएं।

अर्ध मत्स्येंद्रासन

अर्धमत्स्येन्द्रासन योग ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित रखता है। पेट के अंगों की मालिश करता है, लीवर को एक्टिव कर हेल्दी रखता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ डायबिटीज़ पेशेंट्स के लिए भी बहुत ही असरदार है यह योग। करने के लिए दंडासन यानी पैरों को सीधा करके बैठ जाएं और फिर किसी एक पैर को मोड़कर जो पैर सीधा है उसके जांघों के पास टिका लें। अब जो पैर ऊपर है उसके विपरीत हाथों को घुटने के पास दिखाए गए चित्र के अनुसार रखें। इस स्थिति में तीन से पांच बार सांस लें। अब वापस आकर दूसरी ओर से इसे दोहराएं। इसे भी 3 से 5 बार करने की कोशिश करें। इस आसन को दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है तो जिसमें आप कंफर्टेबल हों वैसा करें।