धुम्रपान यानि की स्मोकिंग करने से सेहत को कई प्रकार के नुकसान होते हैं। बीड़ी-सिगरेट के पीने से शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय के धमनियों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। हृदय रोग जैसे मायोकोर्डियल इनर्फाकशन तथा अनजाइना हो सकता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है। साँस की बीमारी जैसे ब्रोंकाइटीस, दमा, तथा फेफड़ो का कैंसर हो सकता है। इसके अतिरिक्त इसका प्रभाव शरीर के स्नायुतंत्र में पड़ता है।
धुम्रपान करने से सबसे ज्यादा नुकसान आपके फेफड़ो को होता हैं, इससे आपको कैंसर भी हो सकता हैं। लेकिन धुम्रपान करने से न सिर्फ फेफड़ो को हानि होती हैं, बल्कि यह गुर्दे के लिए भी खतरनाक है। अभी तक यही माना जाता था कि सिगरेट पीने से फेफड़े और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन, ताजा अध्ययन बताते हैं कि सिगरेट गुर्दे पर इस हद असर डालता है कि वे काम करना बंद भी कर सकते हैं।
हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि धूम्रपान नहीं करने वाले पुरुषों की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुषों के गुर्दे की कार्यक्षमता में एक तिहाई कमी आती है। इस अध्ययन के अनुसार प्रति दिन एक पैकेट से अधिक सिगरेट का सेवन गुर्दे के गंभीर रूप से खराब होने के खतरे को 51 प्रतिशत तक बढ़ाता है। किशोरों में धूम्रपान उनके गुर्दे को और भी अधिक नुकसान पहुंचाता है।
जानकार मानते हैं कि सिगरेट का धुंआ शरीर के अंदर रक्त प्रवाह पर बहुत बुरा असर डालता है। इसका सीधा असर गुर्दे के काम करने की क्षमता पर पड़ता है। धूम्रपान से धमनियां कड़ी हो जाती हैं और रक्त वाहिकाएं भी संकुचित हो जाती हैं। जिससे गुर्दे के रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा होती है और उसके कार्य करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।