तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा और धीमा जहर। हौले-हौले यह आदमी की जान लेता है। कई कारणों से लोग तम्बाकू का सेवन करना शुरू करते है। कभी स्ट्रेस कम करने के लिए तो कभी गुस्से में, कभी टाइम पास करने और अक्सर शौक समझकर तम्बाकू का सेवन करते हैं, पर अंदाजा नहीं लगा सकते कि आप जिस तरह से तम्बाकू को सहजता से खा रहे हैं उसका उतना ही दयनीय परिणाम भी होता है। खैनी, सिगरेट, बीड़ी, गुटखा वगैरा तम्बाकू को जिस भी रूप में लिया जाए इसके नुकसान निश्चित हैं। तम्बाकू का नशा कोई एक समस्या ना होकर कई समस्याओं की जड़ है और यह शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान तो करता ही है साथ ही मौत को जल्दी बुला देता है।
उन सभी लोग का जो तम्बाकू का सेवन करते है यह जानना जरूरी है कि तम्बाकू से बनने वाले अलग अलग नशेड़ी चिजों का कितना घातक असर आपके शरीर पर अलग-अलग तरह से पड़ता है। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बारे में।
# सिगरेटसिगरेट का एक कश लगाकर आप दिन भर कामकाज के तनाव को भले ही कुछ पल भूल जाएं पर धूम्रपान की आपकी आदत शरीर के कई हिस्सों के लिए खतरे की घंटी है। इसमें मौजूद बेनजीन, टार, फोर्मलडीहाइड, आर्सेनिक, निकोटिन जैसे तत्व शरीर के लिए कई रोगों का आमंत्रण हो सकते हैं।
- कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर, गले का कैंसर, मुंह, किडनी, ब्लैडर, पैंक्रियाज और पेट में कैंसर का रिस्क अधिक होता है।
- इसके अलावा अधिक धूम्रपान करने वालों को दिल के रोगों और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है।
- कार्बन और निकोटिन का मिश्रण शरीर में हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ाता है।
- सिगरेट में पाया जाने वाला टार फेफड़ों के कैंसर की बड़ी वजह है।
- धुएं से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस मांसपेशियों, दिमाग और कोशिकाओं में पहुंचने वाली ऑक्सीजन को रोकती है जिससे हृदय, फेफड़ों और मस्तिष्क के काम करने में दिक्कत हो सकती है।
- गर्भावस्था में धूम्रपान या पैसिव स्मोकिंग (धूम्रपान करने वालों की संगत) गर्भपात, समय से पहले डिलिवरी, बच्चे का कम वजन आदि का कारण हो सकता है।
# तम्बाकू, खैनी, गुटखाजर्दा, सुर्ती और पान मसाले के नाम पर तंबाकू खाना अगर आपकी आदत का हिस्सा हो चुका है तो आपकी इस आदत को बदलने की कुछ बेहद जरूरी वजहें हो सकती हैं। तंबाकू में 28 किस्म के कार्सिनोजेनिक तत्व होते हैं जिनसे कैंसर हो सकता है।
- तंबाकू से ल्यूकोप्लाकिया का रिस्क अधिक रहता है जिसमें दांत और मसूड़े तेजी से सड़ते हैं।
- मुंह के कैंसर का यह बहुत बड़ा कारण है। गले का कैंसर का रिस्क अधिक रहता है।
- तंबाकू में मौजूद निकोटिन हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है जिससे दिल के रोगों की आशंका अधिक रहती है।
- भोजन करने की इच्छा खत्म कर देता है।
# हुक्काआज हुक्का न सिर्फ गांवों तक सीमित है बल्कि तमाम पब, होटलों और रेस्तरां में हुक्के (तंबाकू युक्त हुक्के) का चलन बढ़ा है। अगर आप इसे सिगरेट के विकल्प के रूप में देखते हैं तो सेहत पर इसका प्रभाव जानना जरूरी है।
- हुक्का में सिगरेट की तरह ही टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हेवी मेटल्स और कार्सिनोजेनिक तत्व हैं जो कैंसर का रिस्क बढ़ाते हैं।
- इससे मुंह का कैंसर, दिल के रोग और फेफड़ों के कैंसर की आशंका सबसे अधिक होती है।
- सिगरेट की तरह ही हुक्के का निकोटिन भी हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
- गर्भावस्था के दौरान हुक्का पीने या हुक्का पीने वालों के दौरान मौजूद रहने से गर्भवती महिलाओं के गर्भ को नुकसान हो सकता है।
- हुक्का के पाइप से कई प्रकार के संक्रमणों का रिस्क अधिक रहता है।
# सिगारहालांकि सिगार का प्रचलन हमारे यहां अपेक्षाकृत कम है पर कुछ लोग सिगार को सिगरेट की अपेक्षा बेहतर विकल्प मानते हैं। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो जान लें कि तंबाकू का सेवन हर रूप में सेहत के लिए नुकसानदायक ही है।
- सिगार में मौजूद निकोटिन भले ही फेफड़ों में कम जाए लेकिन यह मुंह को सीधा प्रभावित करता है जिससे मुंह और गले के कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है।
- इसमें बहुत अधिक मात्रा में कार्सिनोजेनिक तत्व होते हैं।
- शोधों की मानें तो सिगार में 60 से भी अधिक कार्सिनोजेनिक तत्व पाए जाते हैं।
- दिल के रोगों का खतरा इससे अधिक होता है। इसके सेवन से धमनियों के ब्लॉकेज और दिल के दौरे का रिस्क बढ़ जाता है। कम समय में ही दांत गिरने लगते हैं।
जैसा कि आपने जाना कि तंबाकू का सेवन किसी भी हाल में खतरनाक है इसलिए अगर आपको अपनी जिंदगी से प्रेम है तो हम आपसे येही विनती करेंगे कि तम्बाकू को अपनी जिंदगी से बाहर निकल दी।