World No Tobacco Day 2018 : एक नहीं दस नुकसान है गुटके के सेवन से, जान ले रहेंगे फायदें में

तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में किया जाये वो शरीर को नुकसान जरुर पहुचाता पहुँचाता है। तम्बाकू का ऐसा ही एक रूप है गुटखा जो तम्बाकू के साथ कत्था और सुपारी मिला कर बनाया जाता है। तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, एक धीमा जहर. हौले-हौले यह आदमी की जान लेता है। तम्बाकू को जब गुल, गुड़ाकु, या खैनी, के रूप में प्रयोग करते है तो इसके कारण मुंह मे अनेक रोग उत्पन्न हो सकते है। सफेद दाग, मुँह का नहीं खुल पाना, तथा कैंसर रोग भी हो सकता है। बीड़ी-सिगरेट के पीने से शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय के धमनियों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। हृदय रोग जैसे मायोकोर्डियल इनर्फाकशन तथा अनजाइना हो सकता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है। साँस की बीमारी जैसे ब्रोंकाइटीस, दमा, तथा फेफड़ो का कैंसर हो सकता है। इसके अतिरिक्त इसका प्रभाव शरीर के स्नायुतंत्र में पड़ता है। इसकी और बहुत सी हानियाँ हैं। तो चलिए, आज आपको बताते है गुटखा खाने से सेहत को होने वाले नुकसानों के बारे में –

दांत गल जाते हैं –
लगातार गुटखा खाने से दांत समय से पहले ढीले व कमजोर हो जाते हैं और बैक्टीरिया दांतों में जगह बना लेते हैं जिससे दांत गल जाते हैं।

शरीर के एंज़ाइम्स पर बुरा प्रभाव – गुटखे में कई नशीले पदार्थों का मिश्रण होता है जिसके कारण ये शरीर के एंज़ाइम्स पर बुरा असर डालता है। हमारे शरीर के हर अंग में साइप-450 नामक एंजाइम पाया जाता है जो हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और गुटखे के सेवन से इस एन्ज़ाइम की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है।

पेट की तकलीफ़ – अनजाने में गुटखे की लगायी गयी लत पेट में दर्द और अल्सर जैसी बीमारियां पैदा कर देता है और इसके सेवन से एसिडिटी की शिकायत रहना एक आम बात है।

अनिद्रा की समस्या –
गुटखे में मौजूद नशीले पदार्थ जहाँ व्यक्ति को अच्छा महसूस कराते हैं वहीँ इसका सेवन अनिद्रा जैसे रोग भी उत्पन्न करता है।

गर्भवती महिलाओं को हानि – गुटखे का सेवन करने वालों में महिलाओं का नाम भी शुमार है। प्रेग्नेंसी के दौरान गुटखे का सेवन शिशु के वज़न को प्रभावित करता है और नशीले पदार्थों के सेवन से कई बार गर्भपात की स्थिति भी आ जाती है। इसके अलावा गुटखे का सेवन महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित भी करता है और बुढ़ापे के लक्षण भी जल्दी ले आता है।

सेक्स क्षमता पर प्रभाव – रिसर्च बताते हैं कि गुटखे का सेवन न केवल कैंसर को बढ़ावा देता है बल्कि इसके सेवन का सबसे ज़्यादा कुप्रभाव सेक्स क्षमता पर पड़ता है और इससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता के समाप्त हो जाने की संभावना भी रहती है।

मुँह का कैंसर – गुटखे का लगातार सेवन करने वाले लोगों के जीभ, जबड़ों व गालों के भीतर संवेदनशील सफेद पेच बनने लगते है और मुँह में कैंसर की कोशिकाएं विकसित होने लगती है जिसके बाद मुँह का खुलना धीरे धीरे बंद होने लगता है और मुँह में पूरी तरह फैल चुका ये कैंसर बहुत बार जानलेवा भी साबित होता है।

डीएनए को क्षति – गुटखा खाना शरीर के हॉर्मोन्स को तो प्रभावित करता ही है साथ ही इसके सेवन से डीएनए को भी क्षति पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है।

फेफड़ों का कैंसर – गुटखे से होने वाला नुकसान केवल मुँह के कैंसर तक ही नहीं रुकता बल्कि गले और श्वासनली से होता हुआ फेफड़ों में पहुंच कर कैंसर का रूप ले लेता है।

दिल को भी पहुँचता है नुकसान – गुटखे के थोड़ी सी मात्रा का सेवन दिल की बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होता है और उच्च रक्तचाप रहने का सम्बन्ध इसके सेवन से ही होता है।