चीन के हुबेई प्रोविंस के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस या करॉना वायरस अब दुनिया के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इस वायरस से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 325 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं जिनका इलाज चल रहा है। एक मनुष्य से दूसरे में फैलने वाले इस वायरस से बचने के लिए ख़ुद चीन भी इस शहर से आने और जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच करा रहा है। भारत में भी इस बीमारी को लेकर काफी सर्तकता बरती जा रही है। देश के 7 हवाईअड्डों पर चीन और हॉन्ग कॉन्ग से आने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। नागरिक विमामन मंत्रालय ने मंगलवार को देश के 7 हवाईअड्डो चेन्नै, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता को चीन और हॉन्ग कॉन्ग से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग का आदेश दिया है। एयरलाइंस के कर्मचारी इन हेल्थ काउंटर पर लोगों को लाएंगे। अगर कोई शख्स या विमानकर्मी में वायरस से जुड़ा कोई संकेत पाए जाएंगे तो इस बारे में स्वास्थ्य कर्मचारियों को जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ मंत्रालय के आदेश के बाद विमानन मंत्रालय ने एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स के लिए ऐक्शन प्लान तैयार किया है और उसके पालन करने में सख्ती बरती जा रही है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि यह वायरस कितना खतरनाक है और कैसे फैल रहा है। इस बीच, जिस तेजी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है, उसके बाद से सभी देश इस बीमारी से पीड़ित लोगों की पहचान की कोशिशें तेज कर दी है। मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने इस बात पर चर्चा की कि क्या इसे वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया जाए।
बता दे, यह वायरस दिसंबर लास्ट और इस साल की शुरुआत में चर्चा का विषय बना। चाइना में इस साल अब तक इस वायरस के कारण चार मौत होने की पुष्टि की गई है। जबकि इस वायरस में आनेवाले लोगों की संख्या कहीं अधिक है और लगातार बढ़ती जा रही है। हम सभी के दिमाग में कोरोना वायरस या करॉना वायरस से जुड़े कई सवाल उठ रहे होंगे।
आखिर कहां से आया ये वायरस?सबसे बड़ा सवाल जो है कि आखिर यह वायरस कहां से फैलना शुरू हुआ? तो आपको बता दे, यह वायरस आमतौर पर जानवरों में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि कई बार जानवरों से इसका संचार इंसानों में भी हो जाता है। इस वायरस से ग्रसित होने पर श्वास संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके लिए कोई खास इलाज का इजाद नहीं हो पाया है। कई बार बीमारी के लक्षण खुद-ब-खुद खत्म हो जाते हैं। इस वायरस के मामले सबसे पहले चीन में देखने को मिले। दरअसल, चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर में इसका असर सबसे पहले और सबसे घातक रूप में देखने को मिला। चाइना के अलावा थाईलैंड, सिंगापुर, जापान में भी करॉन वायरस के मरीज मिल रहे हैं। हाल ही इंग्लैंड में भी एक फैमिली के इस वायरस की चपेट में आने की जानकारी सामने आई है।
क्या करॉन वायरस एक से दूसरे इंसान में फैलता है?करॉन वायरस से जुड़ी नई-नई अपडेट्स रोज आ रही है। पहले इस वायरस के बारे में कहा गया था कि यह इंफेक्टेड सी-फूड खाने से ही फैलता है। उसके बाद यह बताया गया कि यह खतरनाक वायरस लार से भी फैल रहा है। चीन की नैशनल हेल्थ कमिशन ने मंगलवार को कहा कि उसने अभीतक ऐसा कॉरेन वायरस नहीं देखा जो मनुष्यों से फैलता हो। बताया जा रहा है कि ये वायरस लार और कफ के जरिए भी फैल रहे हैं। जबकि हालही डब्ल्यूएचओ ने इस बात की पूरी संभावना जताई है कि यह वायरस बेहद परिवार के लोगों में एक से दूसरे को फैल सकता है।
वायरस के लक्षण क्या हैं?इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है। इसके बाद यह बुखार निमोनिया का रूप ले सकता है और निमोनिया किडनी से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों को बढ़ा सकता है।
करॉन वायरस का इलाज क्या है?अमेरिका की नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इस वायरस के वैक्सीन पर शोध कर रही है। लेकिन मनुष्यों पर इसे परीक्षण में अभी महीनों लग सकते हैं। लेकिन इसके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर्स इसके इलाज में दूसरी जरूरी मेडिसिन्स का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही साथ इसकी वैक्सीन तैयार करनेपर भी काम चल रहा है।
करॉन वायरस से बचने के तरके क्या हैं?- पहली और अहम बात है कि जब तक करॉन वायरस का प्रकोप शांत नहीं हो जाता, जितना हो सके सी-फूड से दूर रहें।
- साफ-सफाई करॉन वायरस से बचने का दूसरा और जरूरी तरीका है। कहीं भी बाहर से आने या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें। सिर्फ पानी से नहीं बल्कि साबुन या हैंडवॉश से धोएं।
- अपने साथ हैंड सेनिटाइजर हमेशा रखें। जहां पानी से हाथ धोने की व्यवस्था ना हो, वहां इसका इस्तेमाल करें।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करने के बाद हाथ साफ किए बिना उन्हें अपने चेहरे और मुंह पर ना लगाएं।
- बीमार लोगों की देखभाल के दौरान अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। अपनी नाक और मुंह को कवर करके रखें। उनके इस्तेमाल किए हुए बर्तन और कपड़ों का उपयोग करने से बचें।
क्या करॉन वायरस से मृत्यु हो सकती है?करॉन वायरस अगर लंबे समय तक अपना प्रभाव बनाए रखने में सफल हो जाए या घातक स्तर पर पहुंच जाए तो जान के लिए खतरा पैदा कर सकता है। यह इस वायरस का दूसरी बार प्रकोप है और इस दौरान दुनियाभर में 30 से अधिक मौत होने की खबरें आ रही हैं।
बता दे, अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को अपनी धरती पर इस नये वायरस के पनपने की पुष्टि की। विभाग की ओर से बताया गया कि वाशिंगटन के पास 30 साल के युवक में यह वायरस पाया गया। वॉशिंगटन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया, 'युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ऐसा इसलिए नहीं कि वो गंभीर रूप से बीमार हैं, बल्कि जांच-पड़ताल के लिए भर्ती कराया गया है।' युवक की हालात फिलहाल बेहतर बताई जा रही है।