कोरोना वायरस के आने के बाद से सेनिटाइजर्स का उपयोग बढ़ सा गया हैं क्योंकि बार-बार हाथ की सफाई में सेनिटाइजर सही ऑप्शन साबित होता हैं। सेनिटाइजर में अल्कोहल का इस्तेमाल भी होता हैं जिसके चलते सेनिटाइजर के इस्तेमाल के समय सावधानी बरतने कि जरूरत हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब शरीर या कपड़ों पर लगे सेनिटाइजर ने आग पकड़ ली हो। ऐसे में सावधानी बरतते हुए सेनिटाइजर का उपयोग किया जाना बेहतर हैं। तो आइये जानते हैं किन बातों का ध्यान रखा जाए।
-घर में ज्यादा छोटे बच्चे हैं तो सेनिटाइजर को उनकी पहुंच से दूर रखें। छोटे बच्चे इसके दुष्प्रभावों के बारे में नहीं जानते हैं। वे इसे मुंह में डाल सकते हैं या आंख में गिरा सकते हैं और खुद को हानि पहुंचा सकते हैं।
- स्मोकिंग करते समय इस बात पर गौर करें कि आपके आस-पास सेनिटाइजर की शीशी ना हो। नहीं तो गर्मी के मौसम में जरा-सी लापरवाही बड़ी आग लगने का कारण बन सकती है।
- सेनिटाइजर का उपयोग तभी करना चाहिए जब आपके हाथ पूरी तरह सूखे हों। आप हथेली पर 2 से 3 बूंद सेनिटाइजर लें और हाथों पर अच्छी तरह रगड़ लें।
- सेनिटाइजर का उपयोग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह आपके कपड़ों पर ना गिरे। अगर किसी कारण गिर भी जाए तो आप तुरंत कपड़े बदल लें।
- किचन में या कहीं भी ऐसी जगह जहां इलेक्ट्रिक स्विच, दीया या दूसरे ज्वलनशील पदार्थ रखें हो, वहां सेनिटाइजर भूल से भी ना रखें।
- गाड़ी में सेनिटाइजर का उपयोग करना कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन गर्मी के मौसम में आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। ध्यान रखें कि गाड़ी के अंदर सेनिटाइजर इंजन के कारण होनेवाली हीट से दूर हो।
- मई और जून के महीने में बहुत तेज गर्मी पड़ती है। इस कारण धूप में खड़ी गाड़ियां भी कई बार कुछ हल्की-सी खराबी या किसी लापरवाही से आग पकड़ लेती हैं। इसलिए गाड़ी को छाया में पार्क करें। यदि ऐसा संभव ना हो तो गाड़ी से निकलते समय सेनिटाइजर को अपने साथ रख लें।
- उंगलियों के बीच की जगह और नाखूनों के आस-पास इसका उपयोग जरूर करें। क्योंकि हाथों पर इन्ही जगह जर्म्स चिपके रह जाते हैं।
- जब तक सेनिटाइजर सूखे नहीं, तब तक अपने हाथ किसी कपड़े से ना पोछें। साथ ही तब तक हाथ से कुछ खाने और हाथों को आंखों पर लगाने से भी बचें।