हर महिला कभी ना कभी गर्भावस्था की स्थिति से गुजरती हैं जिसमें असहनीय और कष्टकारी लेबर पेन की समस्या भी होती हैं। गर्भावस्था में लेबर पेन होना एक सामान्य प्रक्रिया हैं लेकिन कई महिलाऐं इससे जुडी जानकारी नहीं रख पाती हैं। जबकि हर महिला को लेबर पेन की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसलिए आज हम आपके लिए लेबर पेन से जुड़ी कुछ ख़ास जानकारी लेकर आए हैं, जो आपके जीवन में बहुत काम आती हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
* हल्का ब्लड आनालेबर पेन की एक स्टेज ऐसी भी होती है जिसमें गर्भाशय का निचला हिस्सा फैलकर खुलने लगता है साथ ही इसमें वैजाइना से हल्के रंग का खून निकलता है। जब भी किसी महिला को लेबर पेन होता है तो यह स्थिति अक्सर देखी जाती है। इस स्टेज के अंत में सिकुड़न ज़्यादा तेज हो जाती है और ये प्रक्रिया लम्बे समय तक चलती है।
* बच्चे का हल्का बाहर आनाइसमें सर्विक्स पूरी तरह से खुल जाता है और बच्चे वैजाइना से धीरे धीरे बाहर निकलने की कोशिश करता है। यह वह अवस्था होती है जब डॉक्टर आपको तब तक पुश करने के लिए कहता हैं जब तक बच्चे का जन्म नहीं हो जाता। इस प्रक्रिया में दो घंटे या उससे भी ज्यादा समय तक लग सकता है।
* संकुचन की स्थितिबच्चे का जन्म हो जाने के बाद भी संकुचन होता रहता हैं और गर्भनाल निकलता है। इस समय होने वाला संकुचन बच्चे के जन्म के पहले होने वाले कॉन्ट्रैक्शन की तरह ही होता है लेकिन इसमें दर्द कम होता है। ये स्टेज कुछ सेकेंड से लेकर 15-20 मिनट तक रहती है।
* लेबर पेन के लिए व्यायामलेबर पेन से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को कमर और जांघ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करने चाहिए। इससे भ्रूण नीचे की ओर जाता है और बर्थ कैनल में उसका सिर फिट हो जाता है। ऐसा हो जाने से डिलीवरी में आसानी होती है।