वर्तमान दिनों में बच्चों के परीक्षा का समय है, ऐसे समय में बच्चों के साथ यह उनके अभिभावकों के लिए भी बड़ा मुश्किल समय होता हैं। ऐसे समय में बच्चे परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के चलते तनाव में आ जाते हैं जो कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को खराब करता हैं। इसलिए बच्चों के अभिभावकों को बच्चों के तनाव को कम करने के प्रयास की आवश्यकता होती हैं। ताकि बच्चा शांत दिमाग से अपनी परीक्षाओं में परफॉरमेंस कर सकें। तो आइये आज हम बताते हैं आपको कि किस तरह से परीक्षा के दौरान बच्चों का तनाव काम करें।
* वातावरण को शांत बनाये रखें : अपने घर को कर्फ्यूग्रस्त इलाका न बनायें। अपने बच्चे को शांत वातावरण में पढ़ने दे जिससे कि उसे पढ़ाई में एकाग्रता बनाये रखने में मदद मिलेगी।
* मानसिक रूप से तैयार हों : परीक्षा के दौरान छात्र बहुत अवसाद में आ जाते हैं। पेरेंट्स उनको अवसाद से खुद को दूर रखने के प्रेरणा दें,साथ ही मेंटली स्ट्रांग बनाये जिससे उनके एग्जाम पेपर सही ढंग से हल कर सकेंगे।
* रेस्ट का समय निर्धारित हो : छात्र पढ़ाई के बाद अपने आराम समय जरूर निर्धारित कारें ताकि जो भी वो पढ़ाई करें दिमाग में रहे। टाईम टेबल बना लें कि कितने घंटे पढ़ाई करनी है और उसके बाद कितने समय के लिए आराम करें। इससे छात्र तनाव मुक्त रहेंगे।
* थाली में रंगबिरंगे भोज्य पदार्थ रखें : जंक भोज्य पदार्थों को दूर रखें और सन्तुलित तथा पोषक आहार को अपनायें। उन भोज्य पदार्थों को सम्मिलित करें जिनसे बच्चे को एकाग्रता तथा याद रखने में मदद मिलती है।
* सकारात्मक सोच रखें : जब माता पिता की सकारात्मक सोच होगी तो बच्चे भी वही सीखते हैं। इसलिये यदि आप बच्चे के साथ बैठ रहे हैं और उसकी पढ़ाई में मदद कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चे में सकारात्मक सोच डालें।
* सही समय पर खान-पान करें : परीक्षा के दौरान भरी मील न लें,जिससे छात्रों को नींद कम आयेगी। घर का बना हुआ शुद्ध ताज़ा खाना ही खाएं बाहर की चीजों का हाथ मत लगाएं। इससे बच्चे आराम से पढ़ाई कर सकेंगे और अच्छे नम्बर भी बटोर लेंगे।
* बच्चे पर दवाव न डालें : बच्चे की पढ़ाई की क्षमता को समझना बहुत आवशायक है। बच्चों को आवश्यक अंक के लिये दवाव डालना ठीक नहीं है। अपने बच्चे पर उसकी क्षमता से अदिक अंक लाने के लिये दबाव डालने से उसके आत्मविश्वास को समाप्त कर देगा।
* बच्चों के दोस्त बनें : बच्चों को परीक्षा काल में मातापिता से ज्यादा दोस्त की जरूरत होती है। अगर आप अपने आप को बच्चे की जगह रख कर सोचेंगे तो आप उसकी क्षमता तथा परीक्षा के लिये तनाव का एहसास कर पायेंगे।