अपनी परेशानियों को दुसरो के साथ बाटने से दूर होगा चिड़चिड़ापन

आज के दौर में प्रत्येक व्यक्ति के पास अतिरिक्त कार्य है और कार्य को समय पर पूरा करने का प्रेशर भी। काम समय पर पूरा न हो पाने पर मानसिक तनाव होना सामान्य बात है। काम के अलावा भी कई परेशानिया होती है जिसके चलते इंसान तनाव का जीवन जीने लगता हैं और चिड़चिड़ापन का शिकार होने लगता है। ये चिड़चिड़ापन आपको धीरे धीरे अपनों से दूर भी कर देता है और जीवन का नाश कर देता हैं। इसलिए जितना हो सके इस चिडचिडेपन को जल्द से खुद से दूर करने की कोशिश करें। आइये हम बताते है आपको कि आप इन उपायों को अपनाकर इस चिडचिडेपन से निजात पा सकते हैं।

# जब भी आप भावनात्मक दबाव या दुख में होते हैं तो अक्सर आंखें नम हो जाती हैं परंतु अधिकतर हम खुद को रोने से रोक लेते हैं। लेकिन अगली बार जब भी आप अत्यधिक भावुक या गहरा तनाव महसूस करें और रोने का मन करे तो खुद को न रोकें। ऐसा होने पर खुद को बुजदिल न समझें बल्कि यह जान लें कि रोने से शरीर तुरंत तनावमुक्त हो सकता है। इस कुदरती उपाय का हमेशा प्रयोग करें।

# परेशानियां बांटने से मन हल्का होता है। किसी परेशानी के कारन अगर आप तनाव में रहते है तो अपने बीवी बच्चों, माता – पिता या किसी दोस्त से अपनी परेशानी शेयर करे। ऐसा करने पर आपको अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने में आसानी होगी और मन भी शांत होगा।

# स्वयं को दस मिनट दें और सोचें कि आज आप तनाव में और दबाव में क्यों रहे। सप्ताह में ऐसा कितने बार होता है? कौन से लोग, गतिविधियाँ, बातें आपकी ज़िन्दगी को बोझिल बनाती हैं? टॉप 10 की एक लिस्ट बनायें और देखें कि क्या आप उनमें कुछ परिवर्तन ला सकते हैं या नहीं। एक-एक करके उन्हें सुधारते जाएँ और प्रयासरत रहें।

# जब भी आपको खुद पर काम का जरूरत से ज्यादा बोझ महसूस हो तो सहायता मांगने से बिल्कुल न झिझकें। याद रखें कि मांगने से ही आपको मदद मिल सकती है। अपनी क्षमता से अधिक काम आप वैसे भी नहीं कर सकते हैं, जिससे आपका प्रदर्शन भी खराब होगा और काम का भी नुक्सान होगा। एक साथ क्षमता से ज्यादा काम भी हाथ में न लें।

# कामकाज के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना सही रहता है। यदि आप दो घंटों से काम में भिडे हुए हैं तो जरा ठहरें। अपने कन्धों और बांहों को आराम देने के लिए फैलाएं। टहलें, पानी पियें। बाहर जाएँ, खुला आसमान देखें, ताजी हवा में साँस लें। किसी से बात करें। रचनात्मकता अच्छी बात है लेकिन जीवन उससे ज्यादा कीमती है। अपनी ऑनलाइन गतिविधियों पर भी थोड़ा नियंत्रण रखें।