बैली फैट से कुछ ही दिनों में छुटकारा दिलाएगी ये 4 औषधियां, करे अपनी दिनचर्या में शामिल

अक्सर आपने देखा होगा कि लोग मोटापे को बढ़ने को वजन बढ़ना मान लेते हैं। लेकिन आपको यह जानने की जरूरत हैं कि दोनों अलग चीज है। क्योंकि जरूरू हैं कि बेली फैट बढ़ने वाले का वजन भी बढ़े। ऐसे में आपको अपने आहार पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती हैं क्योंकि कुछ कारकों के कारण शरीर पर फैट जमा होता है, विशेषरूप से कमर के आस-पास। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे औषधियां लेकर आए हैं जो आपको बैली फैट से कुछ ही दिनों में छुटकारा दिलाएगी। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

त्रिफला

त्रिफला कोई जड़ी बूटी नहीं है बल्कि इसे तीन सूखे मेवों आंवला, बहेड़ा और हरिताकी का उपयोग करके बनाया गया एक स्नैक है। ये फल शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है। ये पाचन तंत्र में भी सुधार करने का काम करता है। रात को खाना खाने के 2 घंटे बाद या नाश्ते से आधा घंटे पहले आप इस स्नैक का सेवन कर सकते हैं। ऐसा कर आप अपनी कमर पर चढ़ी जिद्दी चर्बी को तेजी से हटा सकते हैं।

विजयसार

विजयसार एक ऐसा पेड़ है, जिसकी छाल को वजन और डायबिटीज को प्रंबधित करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक, विजयसार अपनी छाल में राल छोड़ता है, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने का काम करती है। आप सुबह उठकर हर्बल चाय में विजयसार मिलाकर पी सकते हैं, जो आपको अपने बढ़ते हुए पेट को कम करने में मदद करेगा।

मेथी

मेथी एक ऐसी हर्ब है, जो पाचन में सुधार करने और वजन कम करने के लिए सबसे अच्छी जानी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मेथी में गैलेक्टोमेनान होता है, जो पानी में घुलने वाला घटक है। यह भूख को कम करने और आपका अधिक समय तक पेट भरा रखने में मदद करती है। यह आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट को भी बढ़ा सकती है। इस जड़ी बूटी का उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसे पीसकर पाउडर बना लें। आप इस पाउडर को पानी में मिलाकर खाली पेट भी पी सकते हैं।

गुग्गुल

गुग्गुल आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में प्रयोग होने वाली सबसे प्राचीन जड़ी-बूटी है। इसमें अनसैच्यूरेटेड स्टेरॉयड होता है, जिसे गुग्गुलस्टेरोन कहते हैं। यह वजन घटाने में मदद करता है और शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को दुरुस्त रखने के लिए भी जाना जाता है। गुग्गुल का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका है चाय में इसका सेवन।