वर्तमान समय की इस व्यस्ततम जिन्दगी में लोगों को अपने लिए समय नहीं मिल पाता हैं जिस वजह से व्यक्ति तनाव का शिकार होने लगता हिन् और कई बीमारियां उसे घेरे रहती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी एक गलती आपको इस तनाव की ओर खींच रही हैं और वह हैं कुर्सी पर घंटों बैठे रहने की। जी हां, हाल ही में किशोरों पर एक अध्ययन किया गया जिसके अनुसार 18 साल तक की उम्र के जो किशोर कुर्सी पर घंटों बैठे रहते हैं उनको तनाव होना का खतरा ज्यादा रहता है।
इस अध्ययन के लिए 4,200 किशोरों की एक्टिविटी का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में 12 साल से लेकर 16 साल तक के किशोरों को शामिल किया गया। इसके बाद उनके मानसिक स्वास्थ्य का पता लगाया गया। शोध में सामने निकल कर आया कि जो बच्चे हर दिन सोफे पर एक घंटे तक बैठे रहते हैं उनको तनाव होने का जोखिम ज्यादा रहता है। ऐसे बच्चों में तनाव होने का जोखिम 10 फीसदी बढ़ जाता है। इससे ज्यादा देर तक कुर्सी या सोफे में बैठे रहने वालों को अवसाद का जोखिम 28.2 फीसदी बढ़ जाता है।
इस अध्ययन से जुड़े लंदन कॉलेज के लेखक आरोन कंडोला का कहना है कि हमारी स्टडी में यह बात निकलकर सामने आई है कि निष्क्रिय बैठे रहने वाले युवाओं को अवसाद जल्द ही अपनी चपेट में लेता है। वहीं, एक्टिव रहने वाले युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है। उनका कहना है कि किशोरों को ज्यादा देर तक सोफे व कुर्सी में खाली बैठे रहने की जगह किसी न किसी तरह की शारीरिक एक्टिविटी में भाग लेना चाहिए।
दरअसल, अवसाद एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान मानसिक तौर पर परेशान हो उठता है। अवसाद सिर्फ कुर्सी पर घंटों बैठे रहने की वजह से ही नहीं बल्कि कई दूसरे कारणों से भी हो सकता है। इनमें अनियमित खानपान और जीवनशैली शामिल है। इसके अलावा काम के तनाव की वजह से भी इंसान तनाव में आता है। रिश्तों में खटास भी तनाव की वजह बनती है।