हेल्थ : नाईट शिफ्ट में काम करना आपके लिए हो सकता है ख़तरनाक , जाने कैसें ...

अपनी खुद कि जरुरत को पूरा करने के लिये लोग रात-दिन काम करने लग गए हैं। वे लोग जो सोंचते हैं कि रात में पूरी दुनिया केवल सोती है तो ऐसा नहीं है। इसी दुनिया में ऐसे कई नौजवान लोग हैं जो नाइट शिफ्ट भी करते हैं। नाइट शिफ्ट न केवल कॉल सेंटर वालों के कर्मचारी ही करते हैं बल्कि कई ऐसी अन्य कंपनियां भी हैं जो कर्मचारियों से नाइट शिफ्ट ड्यूटी करवाती हैं। रातभर ऑफिस का काम करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन नाईट शिफ्ट में काम करना हमारी सेहत पर बहुत असर डालता हैं, आइये जानते है किस तरह यह नुकसानदायक हैं।

* नाइट शिफ्ट में काम करने वालों के लिए एक बुरी खबर आई है! एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि रात में काम करने से लिवर पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो कि सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। लिवर 24 घंटों में दिन और रात के हिसाब से भोजन और भूख के चक्र का आदी हो जाता है। नाइट शिफ्ट के चलते आप समय पर भोजन नहीं कर पाते, जिसका सीधा असर आपके लिवर पर पड़ता है। शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग कर पाया कि लिवर का आकार रात में बढ़ता है और वह खुद को ज्यादा डाइट के लिए तैयार करता है, लेकिन उसे समय पर उतनी खुराक नहीं मिल पाती। जिससे उसका डेली रुटीन गड़बड़ा जाता है और लिवर पर इसका बुरा असर पड़ता है।

* नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को ज्यादा कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिये वरना शरीर में पानी कि कमी हो जाएगी और अनिंद्रा का चक्कर पैदा हो जाएगा। भूख लगने पर कुछ भी उल्टा-सीधा खाने से बचना चाहिये और उसकी जगह पर वेजिटेबल सैंडविच या फिर हेल्दी स्नैक्स रखना चाहिये।

* लगातार रातभर काम करने से दिल की बीमारी, मधुमेह, अनिंद्रा और स्ट्रेस शरीर को घेर लेता है। जो कर्मचारी तीन से अधिक नाइट शिफ्ट करते हैं उन्हें डाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है। इसी शारीरिक समस्याएं तब पैदा होती हैं, जब हमारी खुद कि लाइफस्टाइल खराब होती है।

* नियमित तौर पर नाइट शिफ्ट में काम करते हैं तो आपके शरीर के DNA की मरम्मत में बाधा आ सकती है। भारतीय मूल के एक शोधकर्ता की अगुवाई में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि नाइट शिफ्ट में काम करने से नींद के हार्मोन मेलाटोनिन के स्राव पर असर पड़ता है।

* जो नाइट शिफ्ट करते हैं वह दिन में पूरा रेस्ट करते हैं… लेकिन जो ऐसा नहीं करते हैं और अपने पर्सनल कामों व सोशल एक्टिविटीज में बिजी हो जाते हैं, ऐसे लोगों का हेल्थ तो खराब होता ही है साथ ही उनकी पर्सनल लाइफ भी खराब होती चली जाती है।