‘जीरो’: शाहरुख का जवाब, गुटखा खाने से बौने पैदा होते हैं बच्चे...

शाहरुख खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘जीरो’ आज सिनेमाघर में प्रदर्शित हो गई है। इस फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद से दर्शकों को इसका बेसब्री से इंतजार था। जीरो और इसके ट्रेलर में शाहरुख खान अपने पिता से कहते हैं गुटखा खाने से उनकी हाइट छोटी रह गई। मूल संवाद है, ‘‘गुटखा खाते हो गपागप, स्पर्म छोटे पड़ गए और क्या...’’

तंज के रूप में बोला गया शाहरुख खान का यह संवाद आम लोगों में एक विचारणीय प्रश्न बन गया है कि क्या वास्तव में गुटखा खाने से आने वाले बच्चों के कद पर असर पड़ता है। क्या ऐसा संभव है कि गुटखा खाने से आपका बच्चा बौना पैदा हो।

आइए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जानते हैं इस बात को—

वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव शरीर की कोशिकाएं जीवों को बढऩे और प्रजनन करने, अपनी रचना को बनाए रखने और उनके पर्यावरण के प्रति सजग रहने में मदद करती हैं। इन कोशिकाओं में एक खास तरह का प्रोटीन पाया जाता है जिसे एंजाइम कहते हैं। किसी भी नशीली चीज का सेवन एंजाइम्स पर बुरा प्रभाव डालता है। अगर गुटखे की बात करें तो इसमें तंबाकू, कत्था, सुपारी, चूने के साथ और कई नशीले पदार्थ मिलाए जाते हैं, ये हमारे शरीर के हर अंग में पाए जाने वाले साइप-450 नाम के एंजाइम पर बुरा असर डालते हैं। ये एंजाइम्स हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस तरह अगर हार्मोंस का उत्पादन शरीर में ठीक तरह से नहीं होगा तो इसका सीधा असर आपकी सैक्स क्षमता पर पड़ेगा। इसके साथ ही गुटखा खाने से शरीर में टॉक्सिन बनने की प्रक्रिया में भी बाधा पहुंचती है। शरीर में टॉक्सिन की कमी स्वस्थ इंसान को भी नपुंसक बना सकती है। इसके अलावा गुटखा इंसान के डीएनए को भी प्रभावित करता है लंबे समय तक गुटखा खाने वालों के बच्चे बौने भी हो सकते हैं, जिसकी शिकायत शाहरुख खान अपनी फिल्म ‘जीरो’ में करते हैं।

इसके अतिरिक्त भी गुटखा खाने से हमारे शरीर में कई अन्य बीमारियाँ होती हैं। डालते हैं एक नजर उन बीमारियों पर—

दांतों का गलना—लगातार गुटखे के सेवन से हमारे दांत में बैक्टीरिया रहने लग जाते हैं और हमारे दांत धीरे-धीरे गल जाते हैं।

मुंह खोलने-बंद करने में समस्या—गुटखा खाने की वजह से मुंह खोलने और बंद करने में दिक्कत होती है और ज्यादा समय तक इसका सेवन करने से मुँह का कैंसर हो जाता है। कई बार गुटखा खाने की वजह से फेफड़ों का कैंसर भी हो जाता है।

पेट की बीमारियों की जड—जिन लोगों को गुटखा खाने की आदत है उन्हें पेट की बीमारी का भी खतरा रहता है। गुटखा खाने वालों में एसिडिटी की समस्या रहना आम बात है।

गर्भपात की संभावना रहती है—ऐसा नहीं है कि गुटखा केवल पुरुषों द्वारा खाया जाता है। वर्तमान में महिलाओं में भी गुटखा खाने की प्रवृति बहुत ज्यादा देखी जा रही हैं। विशेष रूप से घरों में काम करने वाली महिलाएँ, जिन्हें आम बोलचाल में ‘बाई’ के नाम से सम्बोधित किया जाता है, बहुत ज्यादा तादाद में गुटखे का सेवन करती हैं। गर्भवती महिलाओं को तो भूलकर भी गुटखे का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर वे गुटखे का सेवन करती हैं तो इसका सीधा असर उनके होने वाले बच्चे पर पड़ता है। बच्चे का वजन कम रह सकता है और गर्भपात जैसी गंभीर स्थिति भी बन सकती है।

दिन भर थूकते रहना—गुटखा खाने वाले व्यक्ति आम तौर पर थोड़ी-थोड़ी देर के अन्तराल में थूकने रहते हैं। इसे ‘पीक’ के नाम से जाना जाता है। पहले के जमाने में पान खाने के बाद व्यक्ति थूका करते थे, वही स्थिति आज की है। आज गुटखा खाने वाला व्यक्ति चंद मिनटों के अन्तराल में थूकता रहता है। इस थूक से जीवाणु बढते हैं जो अन्य व्यक्तियों पर बुरा असर डालते हैं। इसके अतिरिक्त इस पीक से जो लाल निशान बन जाते हैं, वह साफ नहीं हो पाते हैं। फिर चाहे वह सीढिय़ों के कौने में हो या फिर खुली सडक़ या फिर किसी बर्तन में इन्हें साफ करना बहुत मुश्किल होता है। यदि गलती से गुटखे की पीक कपडों पर गिर जाती है तो कपडों से इनके दाग उतरते नहीं वरन् जहाँ पर यह गिरी है वहाँ पर धोने के बाद कपडे का रंग बदल जाता है। मूल रंग के स्थान पर वहाँ पर ग्रे कलर का धब्बा दिखायी देता है।