कैंसर आज के समय में सबसे बड़ी दुविधा बनी हुई हैं, खासतौर से महिलाओं के लिए ब्रैस्ट कैंसर। जी हां, महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर जिम्मेदार है। इसके प्रति जागरूकता के लिए हर साल 4 फ़रवरी कोविश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।ऐसे में समय रहते अगर इसका पता लग जाए तो बचने की उम्मीद ज्यादा हो जाती हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च इसमें फायदेमंद साबित हो सकती हैं। अमेरिका में मेमोरियल स्लोआन केटरिंग कैंसर सेंटर के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि एमआरआई यानी मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग स्कैन की मदद से ब्रेस्ट कैंसर का पता पहले ही लगाया जा सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने मरीजों के ब्रेस्ट में हेल्दी सेल्स यानी कोशिकाओं की तुलना कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं और गैर कैंसरकारी कोशिकाओं से की।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि बायोमार्कर (किसी रोग की पहचान करने वाला) में विभिन्न अंतरों का पता पोजिट्रॉन एमिशन टॉमोग्राफी (पीईटी) या एमआरआई स्कैनिंग से किया जा सकता है। यह रिसर्च ‘जर्नल ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन’ में प्रकाशित की गई है। इस रिसर्च में 141 रोगियों को शामिल किया गया था। इन सभी के लिए एमआरआई स्कैन या पीईटी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि अब ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए मैमोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी मदद से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की मौत के मामले में करीब 30 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। लेकिन मैमोग्राफी की सेंसिटिविटी भी काफी लिमिटेड है और वैसी महिलाएं जिनके ब्रेस्ट टीशू काफी डेंस है उसमें यह बेहतर तरीके से काम नहीं कर पाता है।रिसर्च में कहा गया है कि अगर शुरुआत में ही ब्रेस्ट कैंसर का संकेत एमआरआई से मिलता है, तो उसका इलाज समय पर शुरू किया जा सकेगा और बेशकीमती जिंदगियां बचाई जा सकेगी। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर के हर साल 10 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। यह कैंसर तेजी से फैल रहा है और कम उम्र की व प्रेग्नेंट महिलाओं में भी देखा जा रहा है।