जानलेवा दिक्कतें पैदा कर सकती है हर्निया की बीमारी, इन उपचारों से करें इसे दूर

वर्तमान समय की लाइफस्टाइल में लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा हैं जिसमें से एक हैं हर्निया। यह पेट की आंत की एक बीमारी है जो बेहद दर्दनाक हैं। इस बीमारी के दौरान पेट की दीवार में कैविटी के आर्गन बाहर निकाल आते है। जिससे तेज दर्द होता है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सीने में जलन, सीने में दर्द, निगलने में कठिनाई होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, थकान, जल्दी जल्दी डकार आना और खाने के बाद पेट अधिक भरा महसूस होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। लोग सोचते हैं कि इस बीमारी से छुटकारा पाने का एक ही रास्ता हैं वो है सर्जरी। लेकिन, आप कुछ घरेलू उपायों को आजमाकर भी हर्निया की बीमारी से निजात पा सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।


बर्फ का उपयोग

हर्निया में दर्द के साथ-साथ सूजन हो जाती है। इस दर्द को दूर करने के लिए बर्फ का उपयोग किया जा सकता है। हर्निया के घरेलू उपचार के लिए बर्फ बहुत पुराना नुस्खा है। यह ट्रीटमेंट आसान तो है ही इसके साथ ही बर्फ की उपलब्धता भी बेहद आसान होने के चलते यह बहुत कारगर विधि है। हर्निया के लिए बर्फ का उपयोग करने की विधि की बात करें तो बर्फ से हर्निया की सूजन वाले हिस्से की सिकाई करना चाहिए। इससे दर्द से आराम मिलने के साथ हर्निया जड़ से खत्म हो सकती है।

बेकिंग सोडा

सभी के रसोइयो में आराम से बेकिंग सोडा मिल जाता है। जैसा की आपको पता है बेकिंग सोडा में प्राकृतिक रूप से एंटासीट होता है। ये हार्टबर्न की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसका उपयोग करने के लिए एक या आधा चम्मच बेकिंग सोडा को ग्लास में मिला ले। इस तैयार मिश्रण को पीले। अगर आपको जब जरुरत हो तभी पी अत्यधिक पीने का प्रयास न करे।

मुलेठी

वैसे तो मुलेठी का उपयोग खांसी में किया जाता है लेकिन हर्निया में भी मुलेठी रामबाण है। हर्निया होने पर पेट की अंदरुनी परत, ऊतकों और अणुओं को नुकसान होता है। मुलेठी को चाय में डालकर पीने से शरीर के इन हिस्सों का उपचार बेहतरीन तरीके हो सकता है। मुलेठी ऊतकों को तेजी से ठीक करता है। मुलेठी में एनाल्जेसिक औषधि गुण होने से सूजन और दर्द भी दूर होता है।

एलोवेरा रस

एलोवेरा में प्राकृतिक रूप से बहुत से औषधीय गुण मौजूद होता है। हाइटल हर्निया की समस्या के लिए एलोवेरा के रस अधिक फायदेमंद माना जाता है। यह आंत को साफ करने में बेहतर होता है। पेट के निचले छेत्र में होने वाले दर्द को कम करता है। इसके अलावा सूजन व हार्टबर्न की समस्या को ठीक करता है। खाना खाने के पहले एक चम्मच एलोवेरा का रस पी ले।

सेब का सिरका

सेब के सिरका में एसिडिक गुण होता है। हर्निया के कारण शरीर में हार्टबर्न और एसिडिटी हो जाता है। सेब के सिरके में एसिडिक गुण होने के कारण इससे शरीर में हुई हार्टबर्न और एसिडिटी की समस्या दूर होती है। सेब के सिरके के उपयोग करने के बारे में बात करें तो जब एसिडिटी या हार्टबर्न महसूस हो तो 2 चम्मच सेब का सिरका गर्म पानी में मिलाकर आराम से पीना चाहिए।

कैमोमाइल चाय

मोमाइल चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी औषधि गुण पाए जाते हैं। इससे एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत मिलती है। कैमोमाइल चाय पाचन तंत्र को भी ठीक करने में मदद करती है। कैमोमाइल चाय के उपयोग की बात करें तो सूखे कैमोमाइल चाय की डंठल को गर्म पानी में मिलाने के 5 से 7 मिनट बाद पीने से राहत मिलती है। इसे दिन में कम से कम 5 बार पीना चाहिए।

दालचीनी

दालचीनी एक बहुत अच्छा घरेलू उपचार माना जाता है। ये पेट से जुडी समस्या को ठीक करने में काफी फायदेमंद होता है। वैसे दालचीनी मसालों में काफी पसंद किया जाता है। पेट के निचले दर्द, एसिडिटी, पेट फूलने, खाना खाने के बाद डकार की समस्या को कम करता है। इसमें प्राकृतिक रूप से एंटासीट होता है। दालचीनी का पाउडर का उपयोग करने के लिए एक कप गर्म पानी ले, उसमे दालचीनी पाउडर को मिला ले, इसे गर्म चाय की तरह पी सकते है। पूरे दिन में कम से कम तीन बार पीये। इसके अलावा अपने आहार में दालचीनी का उपयोग जरूर करें।

अदरक की जड़

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी औषधीय गुण पाए जाते हैं। इससे हर्निया की वजह से होने वाली दर्द से काफी राहत मिलती है। अदरक का उपयोग करने की बात करें तो अदरक को गार्लिक करके यानी पीसकर इसका रस निकाल कर इसे गर्म पानी के साथ पीना चाहिए। कच्चा अदरक खाने से भी लाभ प्राप्त होता है।