दीवाली करीब आ रही हैं और मौसम भी बदलने लगा हैं। अब कोई दीवाली में बीमार तो पड़ना चाहेगा नहीं तो ऐसे में तुलसी आपके लिए बहुत फायदेमंद रहती हैं। ज्यादातर हिंदू परिवारों में तुलसी की पूजा की जाती है। इसे सुख और कल्याण के तौर पर देखा जाता है लेकिन पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है। सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है। तुलसी का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है और इसका उपयोग किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है। तो आइए जानते हैं कि तुलसी के क्या-क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है।
* तुलसी खांसी के सिरप में एक महत्वपूर्ण घटक होता है। लेकिन बजाय सिरप खरीदने के, आप घर में ही एक अच्छी घरेलू औषधि बना सकते हैं जो उतनी ही असरदार होगी। आठ तुलसी के पत्ते और पांच लौंग पानी के एक कप में डालें और दस मिनट के लिए इसे उबाल लें। आप स्वाद के अनुसार कुछ नमक भी डाल सकते हैं। इसे ठंडा होने दें और फिर खाँसी में राहत के लिए इसे पी लें।
* पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।
* तुलसी के कुछ पत्तों को सरसों तेल में भून लीजिए और फिर इसमें लहसुन का रस मिलाकर कान में डाल दीजिए। इससे कान के दर्द में आराम मिलेगा।
* तुलसी के पत्ते तनाव को दूर करते हैं। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि तुलसी की पत्तियाँ तनाव के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ तुलसी के 10 से 12 पत्ते, दिन में दो बार, चबाने की सलाह देते हैं ताकि तनाव संबंधी बीमारियों को रोका जा सके। तुलसी के पत्तों को दैनिक चबाने से अपना रक्त भी शुद्ध कर सकते हैं।
* अक्सर महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत हो जाती है। ऐसे में तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का भी नियमित किया जा सकता है।
* जिसके गुर्दे में पथरी हो गई हो, उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का लगातार सेवन करना चाहिए। छः महीने में असर दिखना शुरू हो जायेगा।
* अगर आप दस्त से परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का इलाज आपको फायदा देगा। तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें। इसके बाद उसे दिन में 3-4 बार चाटते रहें। ऐसा करने से दस्त रुक जाती है।
* नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों को मिलाकर बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा में राहत देता है। तुलसी का अर्क पीने से बुखार कम होता है।