एल्युमिनियम फॉयल पेपर का करते हैं इस्तेमाल, तो हो जाए सावधान, बन सकता है गंभीर बीमारियों का कारण

खाना पैक करते समय हमारे दिमाग में जो पहला ऑप्शन आता है वह है एल्युमिनियमफॉयल पेपर। लेकिन क्या आप ने कभीसोचा है कि लंबे समय तक खाने को गर्म और हेल्दी रखने का दावा करने वाला ये फूड पैकिंग पेपर सेहत के लिहाज से कितना सही है? नहीं ना! दरअसल, खाना पैकिंग के लिए एल्युमिनियम फॉयल भले ही आपको सस्ता और अच्छा विकल्प लग रहा हो, सेहत के लिए एल्युमिनियम फॉयल के नुकसान कई हैं। ये खाने में एल्युमिनियम के कणों को ऑक्सीडाइज कर सकता है, जो कि कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। आज इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कि एलुमिनियम फॉयल पेपर से शरीर पर कितना प्रभाव पड़ता है।

कैसे बनता है एल्युमिनियम फॉयल पेपर

एल्युमिनियम फॉयल पेपर के नुक्सान के बारें में जानने से पहले आपको ये जानना जरुरी है किजिस चीज में खाना रैप करके आप घंटों तक रखते हैं, आखिर वो बनता कैसे है। दरअसल एल्युमिनियम फॉयल में प्योर एल्युमिनियम नहीं होता बल्कि इसमें एलॉय वाले एल्युमिनियम यानी मिक्स मेटल का उपयोग किया जाता है। एल्युमिनियम फॉयल बनाने के लिए सबसे पहले इसे पिघलाया जाता है और एक खास तरह की मशीन में इससे बनाकर तैयार किया जाता है जिसे रोलिंग मिल कहते हैं। इस मशीन का प्रेशर 0.01% होता है। अब इसे कोल्ड रोलिंग मिल में डाला जाता है। ठंडा होने के बाद इसे पतला किया जाता है और इस पर मेटल की परत चढ़ाई जाती है, जिससे ये हार्ड एल्युमिनियम पतली नजर आने लगती है।

सेहत के लिए हानिकारक

शोध बताते हैं कि पिछले एक दशक में एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ा है , लेकिन क्या आपको मालूम है कि जिस एल्युमिनियम फॉयल को आप अपने भोजन के लिए सबसे सुरक्षित समझ रहे हैं, वो वास्तव में बहुत खतरनाक है।

लिवर को करें कमजोर

विशेषज्ञ बताते हैं कि एल्युमिनियम के बर्तनों में अधिक सालों तक भोजन करने से शरीर कमजोर होता है और लिवर के फिल्टर्स भी खराब होते हैं। इसमें खट्टे स्वाद वाला भोजन तो कभी नहीं रखना चाहिए, क्योंकि एल्युमीनियम बहुत तेजी से उसमें रिएक्ट करता है।

भोजन करें दूषित

जी हां, एल्युमिनियम फॉयल के लगातार उपयोग से आपका भोजन को कई तरह से स्लो प्वाइजन में बदल रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक जब किसी गर्म भोजन को इसमें लपेटा जाता है, तो एल्युमिनियम तपन होती है और वो प्रतिक्रिया करती है। ऐसे में एल्युमिनियम के ढेरों ऐसे अंश खाने में प्रवेश कर जाते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हैं।

रसायन वाला भोजन न रखें

ऐसे खाद्य उत्पाद जिसे तैयार करने में किसी तरह के रसायनों का उपयोग हुआ है, उन्हें तो फॉयल पेपर में कभी न रखें। क्योंकि इनके प्रभाव से आपको अल्जाइमर और डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

एल्युमिनियमफॉयल से होने वाले अन्य नुकसान

औसत से अधिक एल्यूमीनियम का सेवन तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क और हड्डियों की बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। इससे होने वाले नुकसान इस प्रकार है।

-ये आपके मस्तिष्क के कुछ हिस्सों का नुकसान करता है और अल्जाइमर का कारणबन सकता है।

- ये किडनी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की मानें, तो खाने के लिए एल्युमिनियम का सबसे सुरक्षित स्तर लगभग 40mg प्रति किलोग्राम है। लेकिन, अगर आप किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको एल्युमीनियम से जुड़ी हर चीज से बचना चाहिए।

-शरीर में ज्यादा एल्युमिनियम कण होने से ये मेमोरी लॉस और और कॉग्निटिव बिहेवियर से जुड़ी गड़बड़ियां कर सकता है।

-एल्युमिनियम कैल्शियम की जगह ले सकता है और आपकी हड्डियों को कमजोर बना सकता है। जैसे कि जिन लोगों में एल्युमिनियम की मात्रा अधिक होती है, उनके खून में कैल्शियम ज्यादा दिखाई देती है क्योंकि उनकी हड्डियों में कैल्शियम जमा नहीं होता है। ये ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बनता है।

-एल्युमिनियम फॉयल का ज्यादा इस्तेमाल करने से खाने का पीएच बदल सकता है और इसके कारण स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जैसे एसिडिटी और इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम।