जाने कैसे गिलोय का सेवन रख सकता है आपको कोरोना वायरस से बचाकर

गिलोय (टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया) एक बहुवर्षायु लता है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह नजर आते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है जिनमें यथा अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी मुख्य हैं। बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने के कारण इसका नाम अमृता भी है। आयुर्वेद में इसे महान औषधि माना गया है। गिलोय की लता जंगलों, खेतों की मेड़ों, पहाड़ों की चट्टानों पर कुण्डलाकार में चढ़ती हुई पाई जाती हैं। यह नीम और आम के पेड़ के आसपास भी मिलती हैं। जिस पेड़ को यह अपना आधार बनाती है, उसके गुण भी इसमें समाहित हो जाते हैं।

आपको बता दें कि नीम पर चढ़ी गिलोय श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है। इसका तना छोटी उंगली से लेकर अंगूठे जितना मोटा भी हो सकता है। इसकी जड़ें जगह-जगह से निकलकर नीचे की ओर झूलती रहती हैं। चट्टानों अथवा खेतों की मेड़ों पर जड़ें जमीन में घुसकर अन्य लताओं को जन्म देती हैं। बेल के कांड की ऊपरी छाल बहुत पतली, भूरे या धूसर रंग की होती है, जिसे हटा देने पर अंदर का हरा रंग दिखाई देने लगता है।

- गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है।

- गिलोय का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में किया जाता है। ये एक बेहतरीन पावर ड्रिंक भी है। ये इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करती है, जिसकी वजह से कई तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।

- गिलोय की पत्तियां बैक्टीरिया और वायरस जनित कई बीमारियों को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखती हैं। हाल ही में कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक और योग गुरु स्वामी रामदेव ने भी गिलोय की पत्तियों का नाम लिया था। उन्होंने बताया था कि गिलोय का काढ़ा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने की ताकत प्रदान करता है।

- गिलोय का इस्तेमाल बहुत पहले से ही बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। गिलोय का काढ़ा कई दिन तक लगातार सेवन करने से पुराने से पुराना बुखार भी ठीक हो जाता है।

आपको बता दें कि अभी तक दुनियाभर में कोरोना वायरस से मौतों के जो आकंड़े सामने आए हैं उनमें वो लोग ज्यादा हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है जैसे-बुजुर्ग और बच्चे। कोरोना को यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता से जोड़कर देखा जाए तो गिलोय का काढ़ा इम्यूनिटी को बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। ऐसे में इसका सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।

खून साफ कर त्वचा में लाती है निखार

गिलोय एक एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करती है जो कि झुर्रियों से लड़ने में मदद करती है। इसके अलावा यह कोशिकाओं को स्वस्थ और निरोग रखने में अहम भूमिका निभाती है।

- गिलोय की पत्तियां शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालती हैं। साथ ही खून को साफ करती हैं, बीमारियों से लड़ने वाले बैक्टीरिया की रक्षा करती हैं और यूरीन की समस्या से भी निजात दिलाती हैं।

तुलसी का सेवन बचा सकता है कोरोना वायरस से

गिलोय के साथ-साथ तुलसी का सेवन भी आपको कोरोना वायरस से दूर रख सकता है। तुलसी में यूजिनॉल नाम का तत्व पाया जाता है जो शरीर में मौजूद स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल के लेवल को कम कर तनाव दूर करने में मदद करता है। रोज तुलसी के 10-12 पत्‍ते चबाने से ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। साथ ही खून भी साफ होता है। तुलसी के पत्ते हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते है। तुलसी की पत्‍त‍ियों के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है ज‍िससे बैक्‍टीर‍िया और वायरस के हमले को बॉडी झेलने में सक्षम बनती है।

- तुलसी के कुछ पत्‍ते, थोड़ी अजवायन, जीरा, अमचूर, पुदीने के पत्‍ते और नमक को उबाल कर ठंडा कर लें। इस पानी को पीने से ड‍िहाइड्रेशन दूर करने में मदद मिलती है।

- अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, छोटी इलायची और तुलसी के कुछ पत्‍तों को उबाल कर छान लें। रोजाना एक चौथाई कप पानी पीने से डेंगू और मलेर‍िया को दूर करने में मदद मिलती है।

- गुड़, नींबू का रस, पानी और तुलसी के पत्‍तों की चाय मौसमी बुखार और फ्लू को दूर करने में मदद करती है।

- चंदन पाउडर में तुलसी की ताजा पत्‍त‍ियों का रस मिलाएं। इस पेस्‍ट को माथे पर लगाने से स‍िर दर्द, गर्मी जैसी समस्‍याओं में आराम आता है।

- तुलसी, शहद और हल्‍दी को साथ लेने से सर्दी, जुकाम और खांसी दूर होती है।

- सुबह खाली पेट तुलसी के पत्तों को चबाना चाहिए लेकिन अगर आप इसको नहीं चबा सकते तो सुबह-सुबह तुलसी के पत्तों की बनी चाय का सेवन करे। सुबह अगर आप दूध से बनी चाय का सेवन करते है तो उसकी जगह तुलसी के पत्तों की बनी चाय पीए। दरअसल, तुलसी के पत्तों में ऐंटिऑक्सिडेंट्स होता है जो शरीर को फ्री-रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाकर रखता है। साथ ही तुलसी की चाय सूजन को कम करने और तनाव दूर करने में भी मदद करती है।