आजकल की व्यस्ततम जिंदगी के चलते हुए सेहत और इम्यून सिस्टम का ध्यान रखना इतना आसान काम नहीं हैं। लोगों को अपने इम्यून सिस्टम की खराबी के चलते कई रोजमर्रा की कई बिमारियों से रूबरू होना पड़ता हैं। जिसमें से एक हैं गैस प्रॉब्लम की वजह से सीने में उठने वाला दर्द। अपूर्ण पाचन, जल्दी जल्दी खाना खाते समय खाने के साथ हवा निगलने, कब्ज़, तैलीय और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने, अधिक फाइबर और स्टार्च युक्त आहार लेने, खाद्य पदार्थों की एलर्जी आदि के कारण आँतों में गैस बन सकती है। जिससे सीने में दर्द होता हैं। इस परेशानी से बचने के लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ घरेलू उपाय। आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* लहसुन :लहसुन को वंडर मेडिसीन कहा गया है जो हर तरह की बिमारियों में रामबाण का काम करता है। सेहत के लिए तो रामबाण है ही हार्ट के लिए तो सबसे ज्यादा लाभकारी है। लहसुन के एक या दो कली अगर आप रोज सुबह खाली पेट खा रहे हैं तो यह न सिर्फ आपके कोलेस्ट्रोल को कम करेगा बल्कि हृदय की धमनी के दीवार पर फैट की परत को बनने से भी रोकेगा। नतीजा आपके हार्ट में ऑक्सीजन और रक्त का प्रवाह सुचारू रहेगा। अगर छाती में दर्द की शिकायत गैस से भी है तो यह काफी कारगर होती है।
* इलायची और जीरा :गैस के कारण छाती में होने वाले दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है। ये कार्मिनटिव (वातहर) की तरह कार्य करते हैं। ये पेट से गैस निकालते हैं तथा इस फंसी हुई गैस के कारण छाती और पेट में होने वाले दर्द से आराम दिलाते हैं। आप इलायची को पानी में कुछ देर उबालकर इलायची की चाय पी सकते हैं। ये पाचन में भी सहायक होते हैं तथा गैस बनने से भी रोकते हैं।
* मदार :मदार का पत्ता और कालीमिर्च को पीसकर गोली बना लें और यह 1-1 गोली दिन में 2 बार 5 दिनों तक सेवन करें और साथ ही बारहसिंगा का सींग घिसकर छाती पर लेप करें। इससे छाती का दर्द ठीक होता है।
* धनिया :गर्मी के कारण, बासी भोजन करने, खट्टी डकारें आने, अम्लपित्त बनने के कारण रोगी की छाती में जलन होती है। जलन के कारण रोगी बड़ी बेचैनी महसूस करता है, अधिक घबराया रहता है और उसे ऐसा महसूस होता है जैसे उसका हृदय बैठा जा रहा है। ऐसी अवस्था में रोगी को 5 ग्राम सूखा धनिया, 2 ग्राम कालानमक, 1 ग्राम हींग और 5 ग्राम अजवायन को मिलाकर चूर्ण बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन करना चाहिए। इससे छाती की जलन दूर होती है।
* अदरक :अदरक के कई औषधीय गुण हैं। अगर आपको गैस या एसीडिटी से हार्टबर्न हो रहा है, छाती में दर्द हो रहा हो तो अदऱक की चाय आजमा सकते हैं। यह छाती के दर्द के साथ , कफ, खांसी समेत कई बिमारियों के इलाज में काम आता है।
* पेपरमिंट टी :यह भी वातहर की तरह काम करता है क्योंकि यह पेट से गैस निकालने में सहायक होता है। यह भोजन के पाचन में भी सहायक होता है। यह जी मचलाने और उल्टी के लिए भी एक प्रभावी उपचार है। छाती में फंसी हुई गैस को निकालने के लिए पेपरमिंट टी एक प्राकृतिक उपाय है।
* तुलसी :तुलसी में सिर्फ एंटी बैक्टीरियल गुण ही नहीं बल्कि एंटी इंफ्लामेट्री गुण भी होते हैं। इसके अलावा तुलसी में ऐसे कई कंपाउड पाए जाते हैं जो दिल के सेहत के लिए भी गुणकारी है। तुलसी में Eugenol पाया जाता है जो दिल के सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। तुलसी के पत्ते लोग चबा कर खाते हैं और कई लोग चाय और काढ़ा बना कर पीते हैं। अगर छाती में दर्द है तो तुलसी-अदरक का काढ़ा बना कर उसमें शहद की बूंदे डाल कर पी लीजिए काफी फायदा करेगा।