डायबिटीज मरीज इन आहार से बना लें दूरी, करते हैं धीमे जहर का काम

डायबिटीज अर्थात मधुमेह आज के समय की बड़ी समस्या बनती जा रही हैं जहां बड़ों से लेकर बच्चों तक को इस बीमारी ने चपेट में लिया हैं। इस बीमारी के दौरान शरीर में ब्लड शुगर या ब्लड ग्लूकोज बढ़ता हैं जो घातक परिणाम देता हैं। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं हैं, बस जरूरत होती हैं शुगर लेवल को नियंत्रित करने की। स्वस्थ जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके डायबिटीज रोगी स्वस्थ रह सकते हैं। अनजाने में लोग अपने आहार में ऐसे फूड शामिल कर लेते हैं जिससे शुगर बढ़ने लगती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे ही आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें स्टार्च, फाइबर और शुगर होता है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए सही नहीं होता है। ये आहार डायबिटीज मरीज के लिए धीमे जहर का काम करते हैं। इनसे दूरी बनाने में ही भलाई हैं।


मैदा

विटामिन, खनिज और फाइबर की मात्रा कम होने के साथ ही मैदा में करीब 73.9% स्टार्च पाया जाता है। जबकि मधुमेह के रोगियों के लिए मैदे से बनी किसी भी चीज का सेवन हानिकारक हो सकता है। आटे का अधिक सेवन कब्ज से जुड़ा होता है। गेहूं के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है। यह मधुमेह और मोटापे से पीड़ित रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं है। मैदा में भले ही मिठास न हो, पर यह खून में शुगर की मात्रा उतनी ही बढ़ता है, जितना कि शक्कर।

प्रोसेस्ड फूड और मीट

रेड मीट की थोड़ी सी मात्रा भी मधुमेह का जोखिम बढ़ा सकती है। प्रतिदिन 50 ग्राम मांस या मछली का सेवन करने से भी मधुमेह होने की संभावना 11 प्रतिशत बढ़ जाती है। साथ ही, जिन लोगों को मधुमेह है, उन्हें ब्रेड, तला हुआ, और हाई-सोडियम मीट, हॉट डॉग, एवं अन्य प्रोसेस्ड मीट खाने से बचना चाहिए।


किशमिश

डायबिटीज के मरीजों को ड्राई फ्रूट्स खाने से भी बचना चाहिए। खासकर किशमिश खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह ताजे फलों का कांसन्ट्रेटिड फॉर्म होता है। जहां एक कप अंगूर में महज 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है तो वहीं एक कप किशमिश में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़कर 115 ग्राम हो जाती है। इस वजह से डायबिटीज मरीजों को किशमिश का सेवन नहीं करना चाहिए।

आलू

आलू का सेवन आम तौर पर सभी को पसंद होता है, लेकिन इसमें स्टार्च, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसका सेवन मधुमेह के रोगी के लिए हानिकारक साबित होता है। वहीं, आलू के अधिक सेवन से भी शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए अधिक मात्रा में आलू से परहेज करना चाहिए।


फैट मिल्क
दूध में पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा होती है। इस वजह से सभी व्यक्तियों को अपने आहार में दूध शामिल करने की सलाह दी जाती है। लेकिन डायबिटीज के मरीजों को फैट मिल्क से बचना चाहिए। फैट शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकता है। फुल फैट वाले दूध की जगह आप लो फैट वाले दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं।


सफेद चावल

एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग सफेद चावल खाते हैं, उनमें टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा बहुत अधिक होता है। अगर आपको प्री-डायबिटीज है, तो आपको चावल नहीं खाना चाहिए, सफेद चावल में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर के रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है।

चीनी
चीनी से बने मीठे खाद्य पदार्थों में ज्यादातर शुगर और खराब कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इनमें बहुत कम या कोई पोषण मूल्य नहीं होता है और यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकती हैं। चीनी से वजन बढ़ाने, हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम भी अधिक होता है।