पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमजोर होने का कारण बनती हैं ये बातें, जानें और बरतें सावधानी

इंफर्टिलिटी यानी बांझपन की समस्या सिर्फ महिलाओं को ही नहीं होती हैं बल्कि पुरुष भी इसका सामना करते हैं। उम्र बढ़ने के साथ पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता कम होती जाती है। अगर महिला प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही है तो ऐसे मामलों में से करीब 50 प्रतिशत मामलों में गर्भधारण की परेशानियों का कारण पुरुषों की कमजोर प्रजनन क्षमता होना हैं। अधिकांश लोग आज के समय में भी शर्मिंदगी की वजह से इनफर्टिलिटी जैसे विषयों पर बात नहीं करते हैं। लेकिन आपको यह जानना जरूरी हैं कि किन कारणों की वजह से आपकी प्रजनन क्षमता में कमी आ रही हैं ताकि उसमें सुधार किया जा सकें। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं बातों की जानकारी देने जा रहे हैं जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं।

उम्र का असर

लेट मैरेज भी पुरुषों में इंफर्टिलिटी का एक कारण हो सकता है। दरअसल उम्र के साथ पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम होती जाती है, 32 की उम्र के बाद शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा भी कम हो जाती है, जिससे वो संतान सुख से वंचित भी रह सकते हैं।

कैफीन का चस्का

चाय-कॉफी का शौक आपको काफी महंगा पड़ सकता है। शायद ही आपको पता होगा कि चाय-कॉफी की चुस्की आपकी सेक्शुअल हेल्थ खराब कर रही हैं। बता दें, दिन में 2 कप से ज्यादा चाय-कॉफी पुरुषों के प्रजनन सेल्स की हेल्थ खराब करती हैं। इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा दिन में 2 कप ही पीएं।

कैंसर या उसका इलाज

कैंसर या घातक ट्यूमर भी पुरुषों के प्रजनन अंगों को सीधा नुकसान पहुंचा सकता है। प्रजनन से संबंधित हार्मोंस स्रावित करने वाली ग्रंथियों पर ट्यूमर या कैंसर का असर पड़ता है जिससे पुरुषों में इनफर्टिलिटी पैदा हो सकती है। कुछ मामलों में ट्यूमर का इलाज करने के लिए की गई सर्जरी, रेडिएशन थैरेपी या कीमोथेरेपी भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है।

बिगडती लाइफस्टाइल

पुरुषों में इंफर्टिलिटी का एक कारण खराब लाइफस्टाइल भी हो सकता है, जो आपके पिता बनने के सपने काे तोड़ सकता है। शारीरिक व्यायाम की कमी शुक्राणु की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। विशेष रूप से रात की शिफ्ट में काम करने वाले पुरुषाें में इंफर्टिलिटी की समस्या ज़्यादा हो सकती है, क्योंकि उनके सोने-जागने का कोई नियमित चक्र नहीं होता है। स्पर्म की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अन्य बातों के अलावा उचित नींद का पैटर्न बहुत आवश्यक है।

धूम्रपान और शराब का सेवन

तंबाकू का सेवन करने और स्मोकिंग करने से वीर्य की गुणवत्ता कम हो जाती है और यह शुक्राणु के डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो सकता है, जिसके कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन और स्पर्म प्रोडक्शन कम हो सकता है।

वेरिकोसेल

पुरुषों में वेरिकोसेल के कारण भी इनफर्टिलिटी हो सकती है। इसमें नसों में सूजन होने के कारण टेस्टिकल सूख जाते हैं। वेरिकोसेल के कारण इनफर्टिलिटी होने के स्पष्ट कारण का अब तक पता नहीं चल पाया है। वेरिकोसेल से स्पर्म की क्वालिटी पर भी खराब असर पड़ता है।

शुगर ड्रिंक्स का सेवन

शुगर ड्रिंक्स जैसे सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स और कार्बोहाइड्रेट ड्रिंक्स के शौकीन मर्दों के लिए एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि एक दिन में एक से ज्यादा शुगर और कार्बोहाइड्रेट ड्रिंक्स पीने से स्पर्म क्वालिटी सीधे तौर पर प्रभावित होती है। ऐसी ड्रिंक्स शरीर में शुगर इंसुलिन रजिस्टेंट को बढ़ाकर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा करती हैं। जिसकी वजह से स्पर्म कम होते हैं।

नशीली दवाओं का उपयोग

कई लोग मसल्स गेन करने के लिए और स्टेमिना बढ़ाने के लिए तरह-तरह की नशीली दवाओं का प्रयोग करते हैं। इससे अंडकोष सिकुड़ सकते हैं और शुक्राणु का उत्पादन कम हो सकता है। इसके अलावा कोकीन या मारिजुआना का उपयोग अस्थायी रूप से आपके शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी को भी कम कर सकता है।