किसी भी व्यक्ति के लिए शरीर के अंगों में रक्त का सही से संचार होना बहुत जरूरी होता हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी हो जाता हैं और इसके लिए योग का सहारा बहुत फायदेमंद साबित होता हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं हनुमानासन। तो चलिए जानते हैं हनुमानासन की विधि और फायदे के बारे में।
* हनुमानासन करने की विधि
सबसे पहले बाएं घुटने के बल बैठ जाएं और दाएं पंजे को बाएं घुटने के सामने लगभग 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें। हथेलियों को जमीन पर दाएं पंजे के दोनों ओर रखें। धीरे-धीरे दाएं पंजे को आगे बढ़ाएं। साथ ही शरीर के भार को हाथों के सहारे संभालें। दाएं पंजे को अधिक से अधिक आगे की ओर व बाएं पंजें को अधिक से अधिक पीछे की ओर ले जाते हुए बिना जोर लगाए पैरों को सीधा करने का प्रयास करें। आखिर में, कूल्हों को नीचे लाएं, जिससे कि कूल्हे और दोनों पैर एक सीध में जमीन पर आ जाएं। आंखें बंद कर लें, शरीर को आराम दें और हाथों को जोड़ते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं। अपनी क्षमता के अनुसार इस अवस्था को बनाये रखें। फिर पुरानी अवस्था में धीरे-धीरे वापस आ जाएं। अब पिछले वाले पैर को आगे की तरफ लाएं और फिर इस आसन को दोहराएं। * हनुमानासन करने के फायदे
- यह आसन पैरों और नितम्बों को लचीला बनाता और उनमें रक्त-संचार बढ़ाता है।
- यह पेट के अंगों की मालिश करता है और प्रजनन प्रणाली को शक्ति प्रदान करता है।
- यह आसन गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए तैयार करता है।