पेट की बढ़ती चर्बी बन रही हैं लोगों की समस्या, इन 8 योगासन से करें इसे कम

फैट की समस्या आज बहुत आम हो चुकी है, हर कोई इससे परेशान है। पेट पर जितना ज्यादा फैट होगा, उतना ही ज्यादा बीमारियों का खतरा भी बढ़ेगा, साथ ही शरीर भी बेडौल दिखाई देने लगता है। अस्वस्थ जीवनशैली, खराब खान-पान, नियमित रूप से व्यायाम न करने और तनाव के कारण पेट की यह चर्बी बढ़ती ही जा रही हैं। हालांकि, संतुलित आहार, व्यायाम और योग की मदद से काफी हद तक बैली फैट को कम किया जा सकता है। जरूरी है कि आप अपने शरीर के लिए कुछ समय निकालें। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ योगासन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल से पेट की बढ़ती चर्बी को आसानी से घटाया जा सकता हैं। समय निकालकर इन योगासन को जरूर करें। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...

भुजंगासन

वजन कम करने और पेट की चर्बी को घटाने के लिए भुजंगासन का अभ्यास फायदेमंद है। इस आसन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है, जिससे पेट के आसपास की चर्बी को आसानी से कम कर सकते हैं। साथ ही रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ितों को भी इस योगासन से लाभ मिलता है। सर्वाइकल की समस्या में भी आराम मिलता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट कर अपनी हथेलियो को कंधों के नीचे रखें। गहरी सांस लेते हुए शरीर के शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं और करीब 10 से 20 सेकंड्स तक इसी स्थिति में रहें। फिर सामान्य पोजीशन में आ जाएं।

नौकासन

नौकासन, जैसा कि नाम से पता चलता है, योगासन नाव के आकार से प्रेरित है। यह बोट पोज़ के रूप में भी जाना जाता है। यह पेट पर दबाव डालता है और एब की मांसपेशियों को विकसित करने का काम करता है। यह एब्डोमेन के आसपास ब्लड और ऑक्सीजन सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इसके लिए पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को एक साथ रखें और बाहों को अपने शरीर के साथ रखें। गहरी सांस लें। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी छाती और पैरों को ऊपर उठाएं। बाहों को पैरों की ओर खींचकर इस तरह संलग्न करें कि आप अपनी आंखों, उंगलियों और पैर की उंगलियों को सीधी रेखा में रख सकें। बेली के आसपास तनाव महसूस करेंगी। गहरी सांस लेते हुए मुद्रा में बनी रहें। एक बार जब आप इसे पूरा कर लें, तो सांस छोड़ें और अपनी मूल स्थिति में लौट आएं। आप प्रतिदिन नौकासन के 3-4 सेट कर सकती हैं। अति न करें।

फलकासन

इसे पेट की चर्बी को कम करने के लिए इस योगासन का अभ्यास सबसे कारगर होता है। फलकासन का अभ्यास करने से कैलोरी बर्न होती है। नियमित इस योगासन को अभ्यास करने से कोर स्ट्रेंथ, शरीर में लचीलापन और मेटाबाॅलिज्म में सुधार होता है। इस आसन को करने के लिए उत्तानासन की स्थिति में आ जाएं। अब दाएं और बाएं पैर को पीछे की तरफ ले जाएं। दोनों हथेलियों पर शरीर को उठा लें और पंजों पर पूरा भार दें। शरीर को सीधा रखने की कोशिश करें। हाथ एकदम सीधा रखें, घुटनों को मुड़ने न दें। करीब 40 से 60 सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें। फिर घुटनों को मोड़ते हुए जमीन पर रख दें और कुछ देर आराम करें।

त्रिकोणासन

पेट कम करने वाले योगासन में इसे चुना जा सकता है। इस आसन को करते समय शरीर त्रिकोण जैसी मुद्रा में आ जाता है, इसलिए इसी त्रिकोणासन कहते हैं। त्रिकोण का अर्थ होता है तीन कोण वाला और आसन का अर्थ मुद्रा से होता है। इसे करने के लिए आप दोनों पैरों के बीच करीब दो फुट की दूरी बनाकर खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को शरीर के साथ सीधे सटाकर रखें। अब अपनी बांहों को शरीर से दूर कंधे तक फैलाएं और सांस लेते हुए दाएं हाथ को ऊपर ले जाते हुए कान से सटा लें। इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से बाईं ओर झुकें। इस दौरान दायां हाथ कान से सटा रहना चाहिए और घुटनों को न मोड़ें। अब दाएं हाथ को जमीन के समानांतर लाने का प्रयास करें। साथ ही बाएं हाथ से बाएं टखने को छूने का प्रयास करें। करीब 10-30 सेकंड इसी मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें। फिर सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं। इसी तरह से दाईं ओर भी करें। इस तरह के तीन से चार चक्र कर सकते हैं।

मलासन

मलासन करने से पेट और कमर को मजबूती मिलता है एवं चर्बी कम होती है। इस आसन कब्ज और गैस की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। इस आसन के लिए मल त्याग करने की मुद्रा में बैठ जाएं और हाथों को नमस्कार की मुद्रा में रखें। आपके दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी होनी चाहिए। दोनों हाथों की कोहनियों को नमस्कार की मुद्रा में ही दोनों घुटनों पर टिका दें। इस मुद्रा में कुछ सेकंड रूकें और गहरी सांस लेते हुए बाहर छोड़ें। अब बैठने की अवस्था में ही दोनों पैरों को एकसाथ लाएं और हाथों को आगे की ओर रखें। इसके बाद दोनों हाथों को बगल की ओर ऊपर हवा में उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं और दोनों हाथों को जोड़ दें। अब दोनों हाथों को धीरे-धीरे वापिस नीचे की ओर लाएं और दोनों पैरों के पंजों के पास रखें। इसी अवस्था में पीछे से कमर और कूल्हों को ऊपर उठाते हुए झुकें और फिर धीरे-धीरे ऊपर आते हुए सीधे खड़े हो जाएं।

तिर्यक ताड़ासन

तिर्यक ताड़ासन को रोजाना दिन में तीन से चार बार करने से पेट की चर्बी को आसानी से कम किया जा सकता है। इस आसन को करने से पेट की चर्बी के साथ ही पूरी बॉडी के एक्सट्रा फैट को भी कम किया जा सकता है। इस योगासन को करने से पेट से लेकर कमर तक की चर्बी कम होगी और बॉडी फिलेक्सीबल बनती है। ये आसन कमर और पेट की चर्बी कम करता है, साथ ही कब्ज से भी निजात दिलात है। बच्चों की लंबाई बढ़ाने के लिए भी इस आसन को कर सकते हैं। अस्थमा और सांस की बीमारी में भी ये आसन बेस्ट है। अगर आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो दिन में 3-4 बार इस आसन को करें। ये आसन पेट की चर्बी कम करेगा।

पादहस्तासन

यह दो शब्दों के योग पद यानी पैर और हस्त यानी हाथों के योग से बना है। यह योग करते समय हाथों को जमीन पर पैरों के साथ सटा कर रखा जाता है, जिस कारण इसे पादहस्तासन कहा जाता है। पादहस्तासन का नियमित अभ्यास पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए योग मैट पर पैरों को आपस में जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को भी सीधा रखें। अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और दोनों हथेलियों को पैरों के पास जमीन के साथ सटाने की कोशिश करें। साथ ही अपने माथे को घुटनों के साथ लगाने का प्रयास करें। इस अवस्था में सांस को रोककर रखें। ध्यान रहे कि कमर से नीचे का हिस्सा मुड़ना नहीं चाहिए। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर सांस लेते हुए ऊपर उठें और हाथों को ऊपर ले जाते हुए पीछे झुकने का प्रयास करें। इसके बाद फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। करीब तीन से चार बार ऐसा करें।

उत्तानपादासन

यह न केवल पेट की चर्बी को कम करता है बल्कि थायराइड, कब्ज, बदहजमी, डायबिटीज और चिंता से भी छुटकारा दिलाता है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस आसन को करने के लिए शवासन की मुद्रा में लेट जाएं और हाथों को बिलकुल सीधा रखें। अब घुटनों को मोड़ें और सांस भरते हुए दोनों पैरों को धीरे-धीरे एक से दो फीट तक ऊपर हवा की ओर लेकर जाएं। जितनी देर तक सांस रोक सकते हैं, उतनी देर तक रोकने की कोशिश करें। कमर को हल्का सा जमीन से ऊपर उठाएं और पैरौं को पीछे सिर की ओर ले जाने कोशिश करें। दोनों हाथों को कमर के नीचे रखें। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को आगे लाते हुए नीचे जमीन पर रखें।