डायरेक्टर शेखर कपूर (79) ने कई शानदार फिल्में बनाकर बॉलीवुड में एक खास मुकाम हासिल किया है। इन्हीं में से एक फिल्म थी ‘बैंडिट क्वीन’, जो साल 1996 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को कल्ट क्लासिक माना जाता है। इसमें काम करने वाले एक्टर्स को इसके बाद विशेष पहचान मिली। हाल ही ‘बैंडिट क्वीन’ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है, जिसको लेकर विवाद हो गया है। शेखर ने सोशल मीडिया पर सवाल खड़ा किया है कि मेकर्स ने उनकी इजाजत लिए बिना इसे खराब तरह से एडिट करवाकर ओटीटी पर रिलीज क्यों किया। क्या वे किसी हॉलीवुड डायरेक्टर से कम हैं कि मेकर्स ने उनकी इतनी सी भी इज्जत नहीं रखी।
शेखर ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “जब एक फिल्म बनती है तो डायरेक्टर और एडिटर कई बार उसे देखते हैं और उसकी कमियां दूर करते हैं। दोनों मिलकर दिन-रात काम करते हैं और एडिटिंग पर लड़ाइयां भी करते हैं। मुझे याद है कि मैंने रेनू सलूजा के साथ कैसे महीनों तक बैंडिट क्वीन पर काम किया है और उसके बाद एक रैंडम इंसान आकर इसे ओटीटी के लिए एडिट कर देता है। मैं इस इंसान से पूछना चाहता हूं कि क्या तुमने एक बार भी सोचा है कि हमने इस मूवी को बनाने में कितनी मेहनत की थी?
क्या तुम्हें अंदाजा है कि तुम्हारी खराब एडिटिंग की वजह से नुसरत फतेह अली खान साहब की जादूगरी को कितना नुकसान हुआ है? और फिल्म में काम करने वाले एक्टर्स को कितना नुकसान हुआ है? तुम 50 डिग्री में खुद को तपा नहीं रहे थे, जब हम ये फिल्म शूट कर रहे थे इसलिए तुम्हें उस दर्द का अहसास नहीं होगा, जो हम कर रहे हैं। तुम्हें पता ही नहीं है कि हम कैसे रात-रातभर फिल्म के एक-एक सीन को डिस्कस करते थे।
एक शॉट लगाने से पहले हम कितनी मेहनत करते थे, इसका तुम्हें अंदाजा ही नहीं है। क्योंकि ये भारत है तो यहां फिल्मकारों के बारे में कौन ही सोचता है?” फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने भी बॉलीवुड के इस रवैये की कड़ी आलोचना की। हंसल ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म निर्माता पश्चिम के गुलाम के रूप में व्यवहार किए जाने के आदी हो गए हैं।
रंजीत ने सुनाया साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म ‘प्रेम प्रतीज्ञा’ की शूटिंग का किस्साअभिनेता रंजीत (83) ने कई सालों तक बॉलीवुड में काम किया है। उन्होंने ज्यादातर रोल खलनायक के निभाए। अब रंजीत ने एक इंटरव्यू में 90 के दशक की दिग्गज एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है। दोनों ने साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म ‘प्रेम प्रतीज्ञा’ में साथ काम किया था। रंजीत ने विकी लालवानी के साथ बातचीत में कहा कि ‘प्रेम प्रतीज्ञा’ फिल्म के वक्त माधुरी नई थीं। मेरी इमेज उस वक्त काफी डरावनी थी, खतरनाक विलेन की। लड़के और लड़कियां मुझसे डरते थे।
माधुरी ने मेरे बारे में सुना और वह घबरा गई थीं। हमारा साथ में मोलेस्टेशन सीन था। वीरू देवगन हमारे फाइट मास्टर थे। सीन में था कि मुझे माधुरी को मोलेस्ट करना है। मैं अपने दूसरे शूट में बिजी था इसलिए मुझे सेट पर उनकी सिचुएशन के बारे में पता नहीं था। मुझे माधुरी के बारे में बाद में पता चला। मुझे एहसास हुआ कि वह रो रही हैं। उसके बाद उन्हें संभाला और बताया गया कि मैं अच्छा इंसान हूं।
इसके बाद वह मानी और हमने शूट किया। अब जब हम शूट कर रहे थे, मैं अपने को-एक्टर्स के साथ काफी कॉऑपरेटिव रहता हूं। जब सीन हो गया लोग ताली बजाने लगे, लेकिन माधुरी रो रही थीं। सब उनके पास गए और पूछा कि ठीक हो? उन्होंने कहा कि इन्होंने मुझे टच भी नहीं किया। मैंने बस हैंडकार्ट में उन्हें इधर से उधर मूव किया।