‘बॉबी’ में ऋषि कपूर को नहीं ‘राजेश खन्ना’ को लेना चाहते थे राजकपूर, लेकिन उनके पास ‘खन्ना’ की फीस के पैसे नहीं थे

70 के दशक में अपने पिता राजकपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से अपना करियर शुरू करने वाले ऋषि कपूर को राजकपूर ने ‘बॉबी’ के जरिए बतौर रोमांटिक नायक परदे पर पेश किया। ‘बॉबी’ से रोमांटिक नायक के तौर पर अपने कदम जमा चुके ऋषि कपूर ने अपने करियर में सबसे ज्यादा भूमिकाएँ एक पागल प्रेमी के तौर पर कीं। फिल्म के पोस्टर पर ऋषि कपूर का नाम देखकर दर्शक समझ जाते थे कि एक और प्रेम कहानी हमने देखने जानी है।

यादें / जानिए ऋ‍ष‍ि कपूर को किसने दिया था निकनेम 'चिंटू'

ऋषि कपूर ने राज कपूर की 1970 की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में डेब्यू किया, जो बाद के किरदार के बचपन का चित्रण था। 1973 की फिल्म ‘बॉबी’ में डिंपल कपाडिय़ा के साथ उनकी पहली मुख्य भूमिका थी। बॉबी को लेकर कहा जाता था कि राजकपूर ने यह फिल्म ऋषि कपूर को फिल्म उद्योग में स्थापित करने के लिए बनाई थी। 2012 में अपने एक साक्षात्कार में ऋषि कपूर ने कहा था कि, ‘‘एक गलत धारणा थी कि फिल्म मुझे अभिनेता के रूप में लॉन्च करने के लिए बनाई गई थी। फिल्म वास्तव में ‘मेरा नाम जोकर’ के कर्ज का भुगतान करने के लिए बनाई गई थी। पिताजी एक किशोर प्रेम कहानी बनाना चाहते थे और वह उसमें राजेश खन्ना को लेना चाहते थे लेकिन उनके पास राजेश खन्ना को फिल्म में लेने के लिए पैसे नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने मुझे इस फिल्म में बतौर नायक पेश किया।’’ ज्ञातव्य है कि ‘बॉबी’ भारत में 70 के दशक की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बन गई।

मौत से पहले ऋषि कपूर ने किया था ये आखिरी ट्वीट, कोरोना वॉरियर्स के लिए बजाई थी थाली

जिन दिनों ऋषि कपूर का उदय हुआ उन दिनों बॉलीवुड में रोमांटिक नायक के तौर पर राजेश खन्ना का बोलबाला था। उन दिनों उनके अतिरिक्त ऐसा कोई रोमांटिक नायक नहीं था जिसके पीछे युवा पीढ़ी पागल थी, लेकिन जैसे-जैसे ऋषि कपूर का करियर बढ़ता गया, उन्होंने राजेश खन्ना से यह खिताब छीन लिया। ऋषि कपूर ने राजेश खन्ना के साथ भी परदे पर काम किया और परदे के पीछे उन्होंने राजेश खन्ना को फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ में निर्देशित किया।

मुश्किल होगा ‘रऊफ लाला’ को भुलाना, चला गया हिन्दी सिने इतिहास का सबसे बड़ा रोमांटिक नायक