आखिर क्यों इस मंदिर में की जाती है कुतिया की पूजा, सबकुछ बयाँ करती है यह कहानी

By: Ankur Mundra Tue, 05 Feb 2019 3:37:03

आखिर क्यों इस मंदिर में की जाती है कुतिया की पूजा, सबकुछ बयाँ करती है यह कहानी

भारत को मंदिरों का घर कहा जाता है जिसमें कई मंदिर हैं और सभी अपनी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। आज हम भी आपको एक ऐसे ही अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि एक कुतिया की पूजा की जाती हैं। इससे जुड़ी एक कहानी हैं जो इस मंदिर के राज बयाँ करती हैं। तो आइये जानते है कुतिया के इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी।
झांसी से 65 किमी दूर मऊरानीपुर इलाके में रेवन और ककवारा गांव हैं जहां पर ये मंदिर स्थित है। वहां स्थानीय निवासियों का कहना हैं कि जिस स्थान पर वो मंदिर हैं। वही पर उस कुतिया की मृत्यु हुई थी और बाद में जब लोगों ने उसे उसी जगह दफनाया तो दफनाया गया स्थान पत्थर का हो गया। इलेक्शन के दौरान आते जाते लोग भी मंदिर के सामने दो मिनट के लिए रुक कर सिर झुकाते है। कुतिया को धैर्य का प्रतीक माना जाता है।

bitch is worshiped,bitch temple,jhansi ,कुतियाँ की पूजा, झांसी, रेवन और ककवारा गांव, कुतिया का मंदिर

यहां रहने वाली महिलाएं इस मंदिर में जल चढ़ाती हैं और उनकी पूजा रचना करती हैं और हैरत की बात तो ये हैं कि यहां पर लोग इस मंदिर पर स्थित कुतिया को कुतिया महारानी के नाम से भी जानते हैं। मंदिर के चबूतरे पर काले रंग की कुतिया की मूर्ति लगाई गई हैं जिसे लोग कुतिया देवी के नाम से जानते है।

इससे जुड़ी कहानी के अनुसार काफी समय पहले एक दिन में ही दोनों गांवों में दावत थी। दावत के दौरान रमतूला बजाया जाता था। जिससे लोगों को पता चल जाता था कि दावत शुरू हो गई। दौरान रेवन गांव से रमतूला बजा और कुतिया वहां पहुंची। लेकिन तब तक वहां पहुंची दावत खत्म हो गई। थोड़ी देर में ककवार गांव से रमतूला बजा लेकिन वहां भी वहीं हुआ। कुतिया बीमार और भूखी थी। दोनों गांवों के बीच दौडऩे के कारण वह थक कर बीच में बैठ गई। भूख और बीमारी के कारण वहीं उसकी मौत हो गई थी।

lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com