यह शिवलिंग सूर्य की दिशा के अनुरूप बदलता है अपना मुख, आइये जानें

By: Ankur Mundra Sun, 02 Sept 2018 07:02:24

यह शिवलिंग सूर्य की दिशा के अनुरूप बदलता है अपना मुख, आइये जानें

शिवलिंग को भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा जाता हैं। मंदिरों में शिवलिंग की ही पूजा की जाती हैं। और हमारे देश में तो ऐसे कई चमत्कारी मंदिर हैं जो अपनी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें शिवलिंग सूर्य की दिशा के अनुरूप अपना मुख बदलता हैं। हम बात कर रहे हैं मालेश्वर महादेव मंदिर के बारे में। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

राजस्थान Rajasthan की राजधानी जयपुर Jaipur से करीब 40 किलोमीटर दूर अरावली पर्वत शृंखला की गोद में बसा मालेश्वर महादेव मंदिर की महिमा ही निराली है। इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग सूर्य की दिशा के अनुरूप चलने लिए विख्यात है। अर्थात सूर्य हर वर्ष छह माह में उत्तरायण और दक्षिणायन दिशा की ओर अग्रसर होता रहता है। उसी तरह यह शिवलिंग भी सूर्य की दिशा में झुक जाता है।

बताया जाता हैं कि वर्तमान में महार कलां गांव पौराणिक काल में महाबली राजा सहस्त्रबाहु की माहिशमति नगरी हुआ करती थी। यहां राजा सहस्त्रबाहु तपस्या किया करते थे। इसी कारण इस मंदिर का नाम मालेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। विक्रम संवत् 1101 काल के इस मंदिर में स्वयंभूलिंग विराजमान है। यह मंदिर 1400 साल पुराना बताते हैं। मान्यता के अनुसार यहां एक गाय प्रतिदिन आकर विशेष जगह दूध की धारा अर्पित करती थी। इस पर एक ग्वाले ने गांव वालों की मदद से खुदाई कर मालेश्वर महादेव का प्राकट्य हुआ। यह वही जगह है जहां शिवलिंग का प्राकट्य हुआ है।

weird story,shiv ling,shiv ling leads sun,rajasthan,jaipur ,शिवलिंग,सूर्य,मुख,राजस्थान,जयपुर,अरावली पर्वत शृंखला,मालेश्वर महादेव मंदिर,उत्तरायण,दक्षिणायन दिशा,राजा सहस्त्रबाहु

जानकारों के अनुसार, मुगलकाल में औरंगजेब द्वारा मंदिर पर आक्रमण किया गया। परन्तु मधु मक्खियों ने उस समय सेना पर हमला कर दिया, जिससे सेना को वापस उल्टे पांव भागना पड़ा। मंदिर में शेष शैया पर लक्ष्मी जी के साथ विराजमान भगवान विष्णु की मूर्ति आज भी मौजूद है। कालांतर में मंदिर का जीर्णोद्धार कर इस पर गुंबद व शिखर का निर्माण करवाया गया। वहीं अंदरी भाग को कलात्मक कांचकारी से भी सज्जित किया गया।

इस मंदिर के आसपास चार प्राकृतिक कुण्ड भी हैं, जिनमें पानी कभी खाली नहीं होता है। ये कुण्ड मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों, जलाभिषेक और सवामणी आदि करने वालों के लिए प्रमुख जल स्रोत हैं। इनमें दो कुण्डों में पानी निकालने के लिए मोटर पम्प भी लगा रखे हैं। बावजूद इसके ये कुण्ड कभी खाली नहीं होते हैं।

lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com