एक झटके में सो गए थे 900 से ज्यादा लोग मौत की नींद, जो नहीं माना उसे बेरहमी से मारा
By: Priyanka Maheshwari Thu, 22 Nov 2018 7:04:57
अंधविश्वास के कारण अमेरिका के पास स्थित गुयाना के जोंसटाउन में एक साथ 900 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली थी? 18 नवम्बर 1978 को लोगों ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी और जिसने भी इस जहर को पीने से इनकार किया, उसे जबरदस्ती जहर पिला दिया गया था। इस भयानक घटना को अब तक की सबसे बड़ी आत्महत्या की घटनाओं में से एक माना जाता है। इस घटना ने सारी दुनिया को हिला कर रख दिया था। दरअसल, इस घटना के पीछे जिम जोंस नामक एक धर्मगुरु का हाथ था। वो खुद को भगवान का अवतार बताता था।
- यह घटना गुयाना के जोंसटाउन में हुई थी। जिम जोंस कम्युनिस्ट विचारा धारा का था और खुद को ईश्वर का अवतार बताता था। उसने सबसे पहले अपनी प्रसिद्धि बढ़ाने के लिए जरूरतमंद लोगों की मदद करने के नाम पर 1956 में पीपल्स टेंपल नाम का चर्च बनाया।
- मीठी-मीठी बातें और झूठे वादे करके उसने सैकड़ों लोगों को अपना फॉलोवर बना लिया। उसके विचार अमेरिकी सरकार से अलग थे, इस वजह से उसने सबसे दूर जाकर साउथ अमेरिका के गुयाना में अपने अनुयाइयों के साथ बसने का फैसला किया।
उसके चर्च के पास ही लोगों के रहने के लिए छोटा सा गांव बसा दिया गया। लेकिन कुछ ही दिनों में उसके फॉलोअर्स उसकी असलियत जानने लगे। वहां लोगों से 12-12 घंटे काम कराया जाने लगा। जब वो थक जाते तो बजाए उन्हें सोने देने के जिम जोंस भाषण देता। इस दौरान उसके सिपाही घर-घर जाकर देखते थे कि कहीं कोई सो तो नहीं रहा और अगर कोई सोता हुआ पाया जाता था तो उसकों भयानक सजा दी जाती थी। पुरुष और महिलाएं जब काम करती थीं, तो उनके बच्चों को एक कम्युनिटी हॉल में रखा जाता था। उसके सिपाही गांव के चारों ओर दिन-रात पहरा देते रहते थे, ताकि कोई वहां से भाग न जाए।
इस वजह से मारे गए सैंकड़ों लोग
कुछ लोगों की शिकायत पर जब अमेरिकी सरकार ने उसके खिलाफ एक्शन लेने की प्लानिंग की, तो सनकी जिम ने सारे लोगों की सभा बुलाई। उसने लोगों को इमोशनल होते हुए इस कदर डराया कि जिम जैसा कहता, लोग वैसा करने लगे। उसने कहा, ''अमेरिकी सरकार हम सबको गोलियों से भूनने आ रही है। इससे पहले कुछ हो और गोलियां हम सबको छलनी कर दे और जो बच जाएंगे उनके साथ जानवरों जैसा सलूक करेंगे। महिलाओं के साथ रेप करेंगे, बच्चों को तरह-तरह की तकलीफें देंगे। हमें ये पवित्र जल पी लेना चाहिए। जिससे हम उन गोलियों के दर्द से बच जाएंगे''
दिया गया कूल-ऐड नाम का ड्रिंक
- जिम के भाषण के पहले ही सैंकड़ों लीटर एक जहरीला मॉकटेल तैयार कर लिया गया था। इस ड्रिंक को सबके हाथों में थमा दिया गया था। जिम ने कहा कि उसके एक इशारे पर सब इसे ईश्वर को याद करते हुए पी जाएंगे। ज्यादातर लोग उसकी बात से प्रभावित होकर पी गए लेकिन उसे पीते ही सब जमीन पर गिरने लगे। ये देख कई लोगों ने उसे पीने से इंकार किया, तो जिम के गार्ड्स ने उन्हें जबरन वो ड्रिंक पिलाई। 5 मिनट के अंदर वहां मौजूद हर इंसान की मौत हो जाती है।
ड्रिंक में घोला गया था ये जहर
- रिपोर्ट्स में सामने आया कि जिस जहरीली मॉकटेल को पवित्र जल बोलकर जिम ने सबको पिलाया। उसमें साइनाइड घोला गया था। जिसके शरीर में जाते ही मौत हो जाती है। 18 नवंबर 1978 के दिन हुए इस दर्दनाक सामूहिक आत्महत्या कांड में 912 लोगों की जहर पीने से मौत हुई थी। इसमें 276 बच्चे शामिल थे।