यहां शादी के बाद पीना पड़ता है दूल्हे को खून, वो भी सूअर का
By: Ankur Sat, 27 Apr 2019 07:13:39
भारत देश को अपनी अनोखी रिती-रिवाज के लिए जाना जाता है। इनमें से कई तो ऐसे अनोखे होते हैं जिनपर विश्वास कर पाना बहुत मुश्किल होता हैं और सुनकर ही धक्का लगता हैं। हांलाकि आज का समय बढती तकनिकी और विकास के लिए जाना जाता हैं लेकिन देश में आज भी ऐसे कई पुराने रिती-रिवाज हैं जो निभाए जा रहे हैं। आज हम भी आपको एक ऐसे ही अनोखे रिवाज के बारे में बताने जा रहे हैं जो शादी से जुड़ा हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।
मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में बहुत सी जनजातियां और आदिवासी जातियां रहती है, जो आज भी सदियों से चली आ रहीं प्रथाओं को मानते हुए शादी की रस्में निभाती हैं। इतना ही नहीं, इन लोगों का रहन-सहन भी पुराने जमाने का ही है। आज भी आधुनिकता इन्हें आज भी नहीं छू पाई। वहीं इस जनजाती में विवाह के दौरान एक ऐसी रस्म निभाई जाती है, जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अंदरूनी क्षेत्रों में रहने वाली गौंड जनजाति के लोग शादी के दौरान एक बहुत ही अनोखी परम्परा का निर्वाह आज भी किया जाता है। दरअसल, यहां विवाह तब तक सपन्न नहीं माना जाता जब तक दूल्का किसी जानवर को मारर उसका खून ना पी लें। जानवर भी कोई ऐसा वैसा नहीं, सिर्फ सूअर।
इस रस्म को निभाने के लिए दूल्हा के परिवार वाले बारात के साथ एक जिंदा सूअर भी लाते है। जब विवाह की साड़ी रस्मे, फेरे आदि हो जाते है तो दुल्हे साथ लाए हुए सूअर को मारकर सूअर के पैर से खून पीना होता है। इस रस्म को पूरा किए बिना विवाह अधूरा माना जाता।