Navratri 2019 : 20 दिन में 2 कारगीरों ने पुआल और मिट्टी से बनाई 9 इको फ्रेंडली मूर्तियां, विजयादशमी को करेंगे विसर्जित
By: Priyanka Maheshwari Sat, 05 Oct 2019 5:37:28
देशभर में नवरात्रि (Navratri 2019) का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। 9 दिन तक चलने वाले इस पर्व में एक से बढ़कर एकदुर्गा प्रतिमाएं देशभर में बनती हैं और चर्चा का विषय बनती हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड शहर की रेलवे कॉलोनी क्षेत्र में मैथिल समाज ने नवदुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान यहां स्थापित की गईं सभी मूर्तियां इको फ्रेंडली हैं। इनमें अंबे माता की साढ़े पांच फीट और जोगणी माता, लक्ष्मी माता, भगवान शंकर, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय एवं रेवंत महाराज की तीन फीट ऊंची मूर्तियां हैं। 21 साल से लगातार हो रहे इस महोत्सव के आयोजन के लिए बेगूसराय, बिहार से दो कारीगरों को इन मूर्तियों को बनाने में 20 दिन का समय लगा। इन्हें मिट्टी और धान (चावल की फसल) काटने के बाद शेष रहने वाला पुआल (एक प्रकार की अपशिष्ट) के मिश्रण से बनाया गया है। विजयादशमी मंगलवार को सवेरे पूजा अर्चना के बाद इन मूर्तियों को कुईसांगणा बांध में विसर्जित किया जाएगा।
दुर्गा मां की सबसे महंगी मूर्ति, जड़ा 50 किलो सोना, कीमत 20 करोड़
इस बार नवरात्रि पर सबसे ज्यादा जिस दुर्गा पंडाल की चर्चा हो रही है वह कोलकाता की एक दुर्गा उत्सव समिति ने बनाया है। इस पंडाल में स्थापित माता दुर्गा की मूर्ति पर 50 किलो यानि तकरीबन 20 करोड़ रुपये का सोना लगाया है। समिति का दावा है कि यह इस नवरात्र में देश की सबसे महंगी मूर्ति है। यह मूर्ति 13 फीट ऊंची है।
इसकी सुरक्षा में भारी मात्रा में पुलिस बल लगाया गया है। सोने से जड़ी दुर्गा की इस मूर्ति पर हर तरह से नजर रखी जाती है। माता की सवारी शेर और महिषासुर को भी सोने से सजाया गया है। सोने से सजे हुए शेर एक अलग ही आभा प्रस्तुत करते हैं जो लोगों को प्रभावित कर रहा है।