इस देश में कमांडो और सेना नहीं बल्कि बाज और उल्लू करते हैं राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा

By: Priyanka Maheshwari Wed, 24 Apr 2019 12:26:25

इस देश में कमांडो और सेना नहीं बल्कि बाज और उल्लू करते हैं राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा

किसी भी देश का राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री उनकी सुरक्षा में ट्रेंड कमांडो को तैनात किया जाता है। किसी तरह की चूक न हो सके इसलिए ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाती है। लेकिन एक ऐसा देश भी है जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष लोगों की रक्षा के लिए कोई कमांडो, सिक्योरिटी गार्ड या फिर ड्रोन कैमरे नहीं बल्कि पक्षियों को तैनात किया जाता है। इस देश के राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में बाज और उल्लू की तैनाती की जाती है। हम बात कर रहे है रूस की जहां राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन और उसके आसपास मौजूद प्रमुख सरकारी इमारतों की सुरक्षा तो वैसे वहां का प्रशासन पुख्ता रखता है लेकिन देश के रक्षा विभाग ने इसके लिए बाज और उल्लुओं की एक टीम पाल कर रखी है। जिसे साल 1984 में बनाया गया था। मौजूदा समय में 10 से ज्यादा बाज और उल्लू इस टीम में हैं। इन बाजों और उल्लुओं को सुरक्षा के लिहाज से कुछ खास ट्रेनिंग भी जाती है जिससे की ये सुरक्षा में किसी तरह की कमी न रखें। रिपोर्ट्स की माने तो कौओं से राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए इन बाजों और उल्लुओं की तैनाती की गई है। दरहसल, कौओं के मल-मूत्र से राष्ट्रपति भवन और उसके आसपास की इमारतें गंदी हो जाती हैं, फिर इनकी सफाई और अन्य रखरखाव के लिए काफी मेहनत और पैसों को खर्च करना पड़ता है, इसलिए कौए राष्ट्रपति भवन से दूर रह सके, इस कारण से भी बाज और उल्लू को यहां पर तैनात किया गया है। इन पक्षियों को इस कदर trained किया जाता है कि ये राष्ट्रपति भवन के आसपास कौओं की आवाज सुन लें या उन्हें आसमान में मंडराते देख लें उन कौंओं की खैर नहीं। तुरंत ही उन्हें ये बाज और उल्लू झपट पड़ते हैं और उन्हें दूर भगा देते हैं या मार ही डालते हैं।

eagle,owl,president house,vladimir putin ,रूस,सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए बाज और उल्लुओं की तैनाती

क्रेमलिन और उसके आसपास की इमारतों की देखरेख करने वाले पावेल माल्कोव का कहना है कि सोवियत संघ के शुरुआती दौर में इन इमारतों की सुरक्षा के लिए कौओं को मार गिराने वाले गार्ड रखे गए थे। साथ ही उन्हें डराने के लिए शिकारी परिदों की रिकॉर्डेड आवाज का भी इस्तेमाल किया गया था, लेकिन ये सारे तरीके फेल साबित हुए थे।

इन परिंदों को अब एक और खास तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि अगर कोई छोटा ड्रोन भी राष्ट्रपति भवन के आसपास दिखाई दे तो वो उससे भी निपट सकें।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com