कोरोना वायरस : ये है सांपों की मंडी, हर अंग का होता है व्यापार
By: Priyanka Maheshwari Mon, 10 Feb 2020 08:39:40
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से अब तक 910 लोगों की मौत हो चुकी है और 40,554 लोग इससे संक्रमित पाए गए है। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के पीछे सांप जिम्मेदार है। दरअसल, चीन के वुहान (Wuhan) और इंडोनेशिया (Indonesia) में सांपों का बाजार लगता है, हालाकि, अभी इस पर रोक लगा दी गई है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलने के बाद अब चीन ही नहीं इंडोनेशिया में भी जानवरों के बाजार बंद है। इंडोनेशिया में तो सांपों का बाजार लगता था। इन सांपों के हर अंग का व्यापार होता था।
सांपों के खाल से बैग्स और एसेसरीज बनते है। बैग्स की कीमत बाजार में करीब-करीब 2 लाख रुपये से भी ज्यादा होती है। वहीं सांपों के जहर से दवाइयां बनाई जाती है। इंडोनेशिया के सिरेबॉन के केर्तासुरा गांव में ऐसी ही एक मंडी है, जहां जीवित सापों और उनके अंगों का व्यापार होता है। हालांकि कोरोना वायरस की वजह से अभी इस मंडी को बंद कर दिया गया है।
चीन में सापों को मारने और उनकी खालों को उतारने के लिए बेहद निर्दयी तरीका अपनाया जाता है। सबसे पहले उनकी खाल निकालने के लिए उनके अंदर रॉड डाल दिए जाते हैं। इसके बाद खालों को निकालकर गोल-गोल लपेटकर रखा जाता है। यहां हर रंग और पैटर्न की खाल मिलती है।
इंडोनेशिया में सांपों को मारने का सबसे आसान तरीका इस्तेमाल किया जाता है। यहां सांप का सिर कुचल दिया जाता है। उसके बाद एक पाइप को लेकर उसके मुंह से लेकर पूंछ तक डाल दिया जाता है। फिर सांप के अंदर पानी भर दिया जाता है। इसके बाद तकरीबन 10 मिनट तक उसी अवस्था में रख दिया जाता है। फिर थोड़ी देर में खाल को खींचकर निकाल दिया जाता है। इसके बाद सांप की खाल को भट्टी में डाल दिया जाता है। इसके बाद उसको धूप में सुखा दिया जाता है। सांप के अंगों की भी बाजार में बहुत डिमांड रहती है। सांप के अंगों का उपयोग दमा और त्वचा संबंधी बीमारियों के लिए उपयोग में लिया जाता है। कुछ लोग सांपों के अंगों से बनी दवाइयों को शक्तिवर्धक के रूप में भी लेते हैं।