रिसर्च : दरवाजों, गाड़ी के हैंडलों पर 9 दिन तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस

By: Priyanka Maheshwari Tue, 11 Feb 2020 4:27:27

रिसर्च : दरवाजों, गाड़ी के हैंडलों पर 9 दिन तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर एक चौकाने वाली बात सामने आई है। एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि वुहान से दुनियाभर में फैला यह वायरस दरवाजों और गाड़ियों के हैंडल में रहकर लोगों को अपना शिकार बना सकता है। जहां साधारण फ्लू 2 दिन ही जिंदा रहता है, वहीं कोरोना वायरस 9 दिन तक किसी सतह से दूसरे व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है।

जर्मनी की रूह्र यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रीफ्सवाल्ड के एक्सपर्ट्स ने कोरोना वायरस पर की गई 22 स्टडी के डेटा को स्टडी किया जिसके बाद यह सामने आया कि कोरोना वायरस ग्लास, प्लास्टिक, लकड़ी और धातु से बनी वस्तुओं पर काफी समय तक जिंदा रह सकता है। फ्लू की तरह ही यह किसी भी वस्तु पर 4 डिग्री या उससे कम तापमान में एक महीने तक जिंदा रह सकता है। हालांकि, 30 डिग्री से ज्यादा तापमान में इसका सर्वाइवल रेट (जीवित रहने की क्षमता) घट जाता है।

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कोरोना वायरस को डिसइंफेक्टेंट से खत्म किया जा सकता है। जहां अल्कोहल इसे एक मिनट में खत्म कर सकता है, वहीं ब्लीच इसे खत्म करने में 30 सेकंड लेता है। अभी यह साफ नहीं है कि किसी के किसी वस्तु पर मौजूद कोरोना वायरस इंसान के हाथ में पहुंचने में कितना समय लेता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इससे बचने के लिए लोगों को लगातार अल्कोहल के हैंडवॉश से हाथ धोने चाहिए।

हवा से लोगों में फैलता कोरोना वायरस

एक दिन पहले ही चीनी अफसरों ने कोरोना वायरस को लेकर बेहद डरावना खुलासा किया है। खुलासे में कहा गया है कि कोरोना वायरस हवा से लोगों में फैलता है। यही वजह है कि सिंगापुर में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल ना करते हुए पंखे का उपयोग करें। एक चीनी विशेषज्ञ का मानना है कि कोरोना वायरस लोगों को हवा के माध्यम से संक्रमित कर सकता है। वहीं एक ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ का कहना है कि इस बात की पुष्टि के लिए अभी और सबूत की जरूरत है। चीनी विशेषज्ञ शंघाई सिविल अफेयर्स ब्यूरो के झेंग क्यून का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण सीधे किसी व्यक्ति के संपर्क में आने, हवा से सीधा संक्रमण और एयरोसोल संक्रमण हो सकता है। एयरोसोल संक्रमण वह है, जो कि किसी परफ्यूम स्प्रे या अन्य स्प्रे की वजह से हवा में फैलता है और किसी अन्य व्यक्ति के उस हवा को सांस लेने से फैलता है। वहीं आस्ट्रेलियन विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर इयान मैके ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि कोरोना वायरस हवा से फैल रहा हो। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि हवा में जेल की मौजूदगी में वायरस ट्रैवल कर रहा हो, हालांकि इस बात की पुष्टि के लिए अभी सबूत नहीं हैं।

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यह तो केवल अभी शुरुआत है

वहीं, कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization - WHO) बेहद चिंतित है। WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ टेड्रोस घेब्रेइसस (Dr. Tedros Ghebreyesus) ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह एक बड़ी भयावह महमारी की शुरुआत है। डॉ टेड्रोस का कहना है कि यह तो केवल अभी शुरुआत है क्योंकि अभी हमें इस भयानक महामारी का खतरनाक रूप देखना बाकी है। पूरी दुनिया को इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत हैं। साथ ही अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए। क्योंकि हमें नहीं पता कि इसे कैसे रोकेंगे? उन्होंने कहा कि जितनी गति से यह कोरोना वायरस (Coronavirus) फैल रहा है, उसे संभाल पाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि अब कई देशों में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों के छोटे-छोटे मामले आ रहे हैं। अब इन्हीं छोटे-छोटे मामलों से ज्यादा लोग संक्रमित हो जाएंगे। हालांकि, अभी इसकी गति धीमी है लेकिन यह कभी भी रफ्तार पकड़ सकती है।

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