Women's Day Special- अंतरिक्ष की परी कल्पना चावला की कहानी
By: Priyanka Maheshwari Wed, 07 Mar 2018 6:27:08
इस दुनिया मै जन्मे हुये सभी लोगों को एक ना एक दिन इस खुबसूरत जहा को छोड़कर जाना ही है । मगर दुनिया मै कुछ लोग सिर्फ जीने के लिये आते है, मौत तो महज उनके शरीर को खत्म कर देती है । आज हम बताने वाले है भारत की बहादुर बेटी कल्पना चावला। भले ही 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल की दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ कल्पना की उडान रुक गई । लेकिन आज भी वो दुनिया के लिये मिसाल है । दोस्तों सोच को कोई नहीं रोक सकता, सोच हमेशा उड़ान भरती आई है और भरती रहेगी ।
अंतरिक्ष की परी कह जाने वाली कल्पना का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के कर्नाल मै हुआ था । कल्पना अंतरिक्ष मै जाने वाली पहली भारतीय थी । उनके पिता का नाम बनारसीलाल और माँ का नाम संजोती है । बचपन मै सभी उसे प्यारसे मोटू कहके बुलाते थे । कल्पना नाम के तरह वह बचपन से कल्पना भरी सोच रखती थी । वो हमेशा आकाश और उसकी ऊंचाई के बारे मै सोचती रहती थी । अपने पापा से विमान और चाँद तारों की बातें किया करती थी । कल्पना की प्राथमिक पढाई कर्नाल के टायगोर स्कूल से हुई । फिर कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनौटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली । उसके बाद वो अपने ख्वाबो को पूरा करने अमेरिका चली गई । जहा उन्होंने University of Colorado Boulder से phD की उपाधि प्राप्त की ।
कल्पना को 1988 को NASA मै शामिल कर लिया गया । वहाँ रहकर उन्होंने बहुत सारे रिसर्च किये । उनके लगन और मेहनत को देखकर बादमे चलकर उन्हें अंतरिक्ष मिशन के टॉप 15 में शामिल किया और देखते ही देखते उनका नाम उन 6 लोगो में आया । जिन्हें अंतरिक्ष मै भेजा जा रहा था और इसी तरह कल्पना के सपनों को पंख लग चुके थे । उनका पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवम्बर 1997 को 6 अंतरिक्ष यात्री टीम के साथ अंतरिक्ष शटल कोलंबिया की उडान STS-87 से शुरू हुआ । कल्पना चावला अंतरिक्ष मै उड़ने वाली पहली भारतीय महिला थी । यह मिशन सफलतापूर्वक 5 दिसम्बर 1997 को समाप्त हुआ । उस मिशन के बाद भारत के टैलेंट को पुरे विश्व मै पहचाने जाने लगा । जिस समय भारत के लोगो को अंतरिक्ष की समज भी नहीं थी तब भारत की बेटी कल्पना चावला ने अंतरिक्ष मै जाकर पुरे विश्व मै भारत का ध्वज लहराया था ।
सभी ने उनके जज्बे को सलाम किया और 5 साल बाद पुनह NASA ने उन्हें अंतरिक्ष मै जाने के लिए चुना । कल्पना चावला की दूसरी उडान 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल से आरंभ हुई । इस मिशन पर उन्होंने अपने सहयोगी के साथ मिलकर लगभग 80 परिक्षण और प्रयोग किये । लेकिन फिर वो हुआ जिसे सोचकर आँखे भर आती है । हातों मै फुल लिये हुये स्वागत के लिए खड़े वैज्ञानिक और अंतरिक्ष प्रेमी सही पूरा विश्व उस नज़ारे को देखकर शोक मै डूब गया ।