इटावा हादसे का दर्द / पीड़ित परिवारों की कहानी, उनकी जुबानी....

By: Pinki Wed, 20 May 2020 6:41:56

इटावा हादसे का दर्द / पीड़ित परिवारों की कहानी, उनकी जुबानी....

उत्तर प्रदेश के इटावा में मंगलवार रात किसानों की पिकअप गाड़ी को ट्रक ने टक्कर मार दी थी जिसमें पिकअप में सवार 6 किसानों की मौत हो गई थी। ये सभी किसान सब्जी बेचने के लिए नवीन मंडी जा रहे थे। इस हादसे में एक किसान घायल हो गया था जिसको सैफई मिनी पीजीआई में भर्ती करवाया था। मृतकों में कोई अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था तो एक परिवार के दो भाईयों की मौत हुई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पीड़ितों ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। परिजन ने कहा- भले ही मुआवजा मिल जाए, लेकिन इंसान की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता है। यदि समय पर पुलिस ने राहत कार्य शुरू किया होता तो जान बच सकती थी। आपको बता दे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। इसके साथ ही मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए और घायल को 50 हजार रुपए की मदद का ऐलान भी किया है।

पीड़ित परिवारों की कहानी, उनकी जुबानी....

एक परिवार के बुझे 2 चिराग

इस हादसे में एक ही परिवार के 2 भाइयों की मौत हुई है। तीन भाइयों में महेश बड़े थे। उनका छोटा भाई बृजेश सबसे छोटा था। परिजनों ने बताया कि, दोनों भाई सब्जी खरीदने के लिए नवीन मंडी के लिए घर से रवाना हुए थे, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से जिला प्रशासन ने मंडी किसानो के लिए रात 10 से सुबह 6 बजे तक के लिए खोलने का आदेश दिया था। जिसके चलते मंडी में खरीद फरोख्त करने के लिए व्यापारी किसान रात में ही मंडी को आते हैं। दोनों भाइयों के छोटे छोटे बच्चे हैं। एक भाई के 4 और दूसरे के तीन, जिनकी उम्र चार पांच साल है। अब यह कैसे पलेंगे? इनके भरण पोषण के लिए इनके पिता ही मात्र एक जरिया थे। सरकार के मुआवजे की रकम भी इनके लिए नाकाफी है।

इटावा पुलिस की कार्यशैली पर ठाए सवाल

इस हादसे में किसान राजेश यादव (40) की मौत हुई है। वे पिकअप वाहन के मालिक भी थे। इनके 17 साल के बेटे आयुष्मान यादव ने कहा - 'मेरे पिता के सहारे परिवार चलता था। अब मेरी और छोटी बहन साक्षी यादव (15) की पढ़ाई लिखाई कैसे होगी? घर में सिर्फ अकेली मां है। सरकार ने 2 लाख का जो मुआवजा दिया है, उससे कैसे मेरे परिवार का भरण पोषण होगा?'

आयुष्मान ने इस घटना पर इटावा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा- 'घटना रात 9:30 की है और पानी में दबे हुए लोगों को हमारे क्षेत्र व परिवार वालों ने रात 1:30 बजे पानी में घुसकर बाहर निकाला। पुलिस मौके पर सही समय पर पहुंच गयी थी। लेकिन, लापरवाही के चलते पुलिस ने पिकअप के नीचे पानी के अंदर कटहल में दबे लोगों को देखा ही नहीं। बस जो बाहर पड़े 2 घायल थे, उनको अस्पताल भेजकर खानापूर्ति करते रहे।' हादसे में मारे गए किसानों में समाजवादी पार्टी के बकेवर नगर अध्यक्ष राजेश यादव भी शामिल थे। सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने सरकार से मांग की है कि मृतक किसानों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए की सहायता दी जाए।

पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने कहा- कोरोना वायरस के डर की वजह से पानी में दबे हुए किसानों को निकालने में लापरवाही हुई। जिससे दबे हुए सभी किसानों की मौत हो गयी। अगर पुलिस समय रहते इनको निकाल लेती तो कुछ किसानों की जान बच सकती थी।

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