केजरीवाल के धरने पर केन्‍द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का तंज, कहा - 'करने में जीरो और धरने में हीरो...'

By: Pinki Mon, 18 June 2018 12:48:56

केजरीवाल के धरने पर केन्‍द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का तंज, कहा - 'करने में जीरो और धरने में हीरो...'

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ एलजी कार्यालय में आठवें दिन भी धरने पर हैं। आम आदमी पार्टी के धरना प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि काम करने में ज़ीरो, धरने में हीरो, करना कुछ नहीं, धरना सब कुछ। नकवी के मुताबिक, यही आप वालों की सोच है, जो उस विश्वास को नष्ट कर रही है, जो दिल्ली के लोगों में उनमें जताया था।

उल्लेखनीय है कि सात दिनों से एलजी कार्यालय में भूख हड़ताल कर रहे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की हालत रविवार देर रात बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें दिल्ली गेट स्थित लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, अनशन की वजह से उनके शरीर में कीटोन की मात्रा ज्यादा हो गई है। इससे शरीर में कमजोरी आती है और इंसान बेहोश हो सकता है।

इस मामले में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के एक डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल लाने के बाद मंत्री की मेडिकल जांच चल रही है। उन्हें डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है। ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है। उन्हें इंजेक्शन के जरिए कुछ दवाएं भी दी गई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, कोटीन की मात्रा एक-दो दिन में ही बढ़ जाती है, लेकिन मंत्री इतने दिनों से एसी कमरे में थे और योग कर रहे थे, इसलिए उन्हें अब आकर दिक्कत हुई है।

अरविन्द केजरीवाल संवैधानिक दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं

- कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं जिसके कारण दिल्ली के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
- उन्होंने आप नेता द्वारा राज निवास में पिछले तीन दिन से दिये जा रहे धरने को लेकर भी उनकी आलोचना की।
- दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित ने कहा कि ऐसे समय में जब कि शहर भीषण जल संकट और अन्य समस्याओं से परेशान हो , तब सरकार के मुखिया का उप राज्यपाल के कार्यालय में धरना दिया जाना ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ है।
- कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल को ‘भारी’ बहुमत प्रदान किया। उनके पास अपने दायित्वों से बचने तथा आम आदमी को कष्ट एवं पीड़ा देने का कोई अधिकार नहीं है।
- शीला ने कहा कि आप (केजरीवाल) क्या सन्देश दे रहे हैं ? इसका (धरने का) कोई तुक नहीं है। दिल्ली के लोग बहुत निराश हैं क्योंकि वे उन्हें भारी बहुमत से लाये थे। दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। भाजपा ने केवल तीन सीटें जीती हैं। आपने सूपड़ा साफ किया और अब उसका आप कैसे दुरूपयोग कर रहे हैं ?

केजरीवाल का वह ‘माफीनामा’ मुझे आज भी याद है


- दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के समक्ष ‘खेद’ प्रकट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए। आप विधायकों ने 19 फरवरी की देर रात मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रकाश से कथित तौर पर हाथापाई की थी। माकन ने ट्वीट किया, ‘2014 में 49 दिन की सरकार चलाने के बाद रेडियो विज्ञापनों के जरिये केजरीवाल का वह ‘माफीनामा’ मुझे आज भी याद है। अब मजीठिया, जेटली, सिब्बल से माफी मांगना। वह मुख्य सचिव से खेद क्यों नहीं प्रकट कर रहे हैं और संवैधानिक तरीके से सरकार क्यों नहीं चला रहे हैं , जैसा उनसे अपेक्षित है ? दिल्ली को उनके बढ़े हुए अहंकार का दंश क्यों झेलना चाहिए ?’

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