नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज, सारे दावे एक-एक करके धराशायी हुए : प्रियंका गांधी
By: Pinki Fri, 08 Nov 2019 11:07:28
मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 नोटबंदी की थी। देश में हुई नोटबंदी को आज तीन साल पूरे हो गए है। इस मौके पर एक बार फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। शुक्रवार को प्रियंका ने अपने ट्विट में लिखा कि नोटबंदी को तीन साल हो गए। सरकार और इसके नीमहकीमों द्वारा किए गए ‘नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज’ के सारे दावे एक-एक करके धराशायी हो गए। नोटबंदी एक आपदा थी जिसने हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी। इस ‘तुग़लकी’ कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा? प्रियंका ने अर्थव्यवस्था को लेकर गुरुवार को ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि देश में अर्थव्यवस्था की हालत एकदम पतली है। सेवा क्षेत्र औंधे मुंह गिर चुका है। रोजगार घट रहे हैं। शासन करने वाला अपने में ही मस्त है, जनता हर मोर्चे पर त्रस्त है।
3 years since #Demonetisation and every claim made by the government and those hailing it as a slayer of all evils has been turned on its head. It proved to be a disaster that has all but destroyed our economy.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 8, 2019
Anyone want to claim responsibility?#DeMonetisationDisaster
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नोटबंदी पर ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने नोटबंदी की घोषणा के तुरंत बात ही कह दिया था कि यह अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों के लिए विनाशकारी होगी। नामी अर्थशास्त्रियों, आम लोग और सभी विशेषज्ञ भी अब इस बात से सहमत हैं। आरबीआई के आंकड़ों ने भी यही बताया। नोटबंदी के बाद से आर्थिक आपदा शुरू हो गई थी। किसान, युवा, कर्मचारी और व्यापारी सभी इससे प्रभावित हुए।
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी।चिदंबरम और राहुल गांधी सहित कांग्रेस के सभी नेता अर्थव्यवस्था में आई मंदी को नोटबंदी का फैसला वजह बताते रहे हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी राहुल गांधी ने नोटबंदी को ही मुद्दा बनाया था। कुछ दिन पहले डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था कि यह परेशान करने वाला है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट 0.6 फीसदी पर लड़खड़ा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी और हड़बड़ी में लागू किए गए जीएसटी से उबर नहीं पाई है।