मोदी सरकार की आर्थिक नीति पर सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाए सवाल, बोले- भूल जाओ 5 ट्रिलियन इकोनॉमी
By: Pinki Sat, 31 Aug 2019 09:51:35
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नई आर्थिक नीति पर सवाल उठाए हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यदि नई आर्थिक नीति जल्द लागू नहीं की गई तो भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकता है। उनकी ये टिप्पणी तब आई है जब 2019-20 की पहली तिमाही के लिए विकास दर 5 फीसदी पर पहुंच गई है, जो कि पिछले 6 सालों में सबसे कम है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि केवल साहस या केवल ज्ञान से ही अर्थव्यवस्था को नहीं बचा सकते हैं। इसके लिए दोनों की जरूरत है। आज हमारे पास दोनों में से कोई भी नहीं है।
असल में, आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को झटका लगा है। देश की विकास दर में गिरावट दर्ज हुई है। पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में ग्रोथ 7.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी रही है। वहीं फाइनेंशियल और रियल एस्टेट सेक्टर में 5.9 फीसदी की ग्रोथ रही। कुछ सेक्टर जो बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं उनमें ऑटोमोबाइल, विनिर्माण और रियल एस्टेट सेक्टर शामिल हैं।
Get ready to say good bye to ₹ 5 trillion if no new economic policy is forthcoming. Neither boldness alone or knowledge alone can save the economy from a crash. It needs both. Today we have neither
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 31, 2019
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की किसी एक तिमाही में सबसे सुस्त रफ्तार है। करीब 7 साल पहले यूपीए सरकार में किसी एक तिमाही में जीडीपी के आंकड़े इस स्तर पर पहुंचे थे। वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 4.9 फीसदी के निचले स्तर पर थे।
बता दें कि RBI ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.9 फीसदी किया है। पहले चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया था।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधा और कहा, 'भाजपा सरकार के कुप्रबंधन ने मात्र एक वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। बैंक धोखाधड़ी के मामलों ने खजाने को खाली कर दिया और सरकार की नासमझी देखिए कि इन सबसे निपटने के बजाय आरबीआई को कंगाल करने पर तुल गई है।' कांग्रेस की तरफ से कहा गया, 'लगातार कई तिमाहियों से मंदी की स्थिति बनी हुई है। लेकिन सरकार इससे निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। लगता है कि शायद भाजपा सरकार को समझ नहीं आ रहा कि क्या किया जाए?'