साईं जन्मभूमि पर उद्धव के बयान से बढ़ा विवाद, आज शिरडी बंद का ऐलान
By: Pinki Sun, 19 Jan 2020 08:50:48
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से साईं जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकास निधि के ऐलान के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री के बयान से शिरडी के लोग नाराज हैं और उनके अपील के बावजूद आज शिरडी ग्राम सभा ने रविवार को शिरडी में बंद का आयोजन किया गया है। हालांकि, साईं मंदिर खुला रहेगा। बंद के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, दुकानें बंद हैं। इस बीच, विवाद बढ़ता देख उद्धव ठाकरे ने बातचीत की इच्छा जताई है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने अपने जन्म और धर्म जिक्र कभी नहीं किया और न ही साईं चरित्र में इसके बारे में कुछ लिखा हुआ है। शिरडी स्थित श्री साईं बाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा। मुगलीकर का कहना है कि मुख्यमंत्री को साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए। देश के कई साईं मंदिरों में एक पाथरी में भी है। सभी साईं भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए। शिरडी ग्राम सभा ने फैसला किया है कि जब तक मुख्यमंत्री ठाकरे अपना बयान वापस नहीं लेते हैं, तब तक उनका बंद जारी रहेगा।
स्थानीय बीजेपी विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है। मुख्यमंत्री ने शिरडी के लोगों से रविवार के बंद को वापस लेने की बात कही है। शिवसेना एमएलसी नीलम गोरे ने एक बयान जारी करके कहा है कि आने वाले सप्ताह में मुख्यमंत्री शिरडी के लोगों से मिलेंगे और इस मसले का समाधान करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पाथरी भी जाएंगे और लोगों से बात करेंगे।
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 9 जनवरी को औरंगाबाद में साईंबाबा के कथित जन्म स्थान पाथरी शहर के लिए 100 करोड़ की विकास निधि देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री के इस फैसले का शिरडी के लोग विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि पाथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वो कोर्ट जाएंगे। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है।
साईं मंदिर के पूर्व ट्रस्टी अशोक खांबेकर का कहना है कि साईंबाबा ने कभी भी अपने जन्म, धर्म पंथ के बारे में किसी को नहीं बताया। बाबा सर्व धर्म समभाव के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को गलत जानकरी दी गई है। खांबेकर का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले साई सत चरित्र का अध्ययन करें और उसके बाद कोई फैसला लें।
आपको बता दे, ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ही साईंबाबा के जन्मस्थान को लेकर बयान दिया है इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 1 अक्टूबर 2018 को साई बाबा समाधि शताब्दी समारोह का उद्धघाटन करने आए थे। उन्होंने भी कहा था कि पाथरी गांव साईंबाबा का जन्मस्थान है और इसके विकास के लिए मैं काम करूंगा। उस समय भी राष्ट्रपति के इस वक्तव्य का विरोध किया गया था।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान से शिरडी गांव के निवासी नाराज है। शिरडी साईं ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं है लेकिन उसे साईं की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है।