वैज्ञानिकों ने खोजा धरती के नजदीक मौजूद ब्लैक होल, सूरज से चार गुना बड़ा
By: Pinki Tue, 19 May 2020 3:15:41
ब्लैक होल अंतरिक्ष का वह हिस्सा हैं जो कि शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र वाली जगह होती हैं और अपने अंदर कई चीजों को समा लेता हैं। ब्रह्मांड में यूं तो कई ब्लैक होल हैं लेकिन वे सभी पृथ्वी से हजारों प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित हैं। यदि ये पास होते तो पृथ्वी को निगल गए होते और मनुष्यों का नामोनिशान तक नहीं रहता लेकिन हाल ही में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने धरती के सबसे नजदीक मौजूद ब्लैक होल को ढूंढ निकाला है। ये धरती से करीब एक हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। अंतरिक्ष में ब्लैक होल एक शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र वाली जगह है जहां पर भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता है।
धरती के सबसे नजदीक ब्लैक होल दो तारों के बीच छुपा हुआ है। यह धरती से एक हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह आकार में सूरज से चार गुना बड़ा और वजन में पांच गुना ज्यादा है। इसकी खोज चिली स्थित ला सिला ऑब्जर्वेटरी के टेलीस्कोप से की गई थी।
कैसे बनते हैं ब्लैक होल
जब भी हम ब्लैक होल के बार में पढ़ते है या सुनते है तो एक ही सवाल उठता है कि आखिर ये होल बनते कैसे हैं? दरअसल, वैज्ञानिकों का मानना है कि जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह धीरे-धीरे ब्लैक होल में बदलने और आसपास की सारी चीजों को अपनी ओर खींचने लगता है। इसका खिंचाव इतना ज्यादा शक्तिशाली होता है कि इससे कुछ नहीं बच सकता। यहां तक कि एक बार ब्लैक होल के अंदर प्रकाश भी चला जाए तो वो फिर कभी बाहर नहीं आ सकता।
वैज्ञानिकों ने पिछले साल M87 आकाशगंगा में मौजूद एक विशाल ब्लैक होल की तस्वीर जारी की थी। इसमें बताया गया था कि आकार में यह ब्लैक होल पृथ्वी से 30 लाख गुना बड़ा और वजन में सूरज से 650 करोड़ गुना से ज्यादा भारी है। इसे ब्रह्मांड का सबसे बड़ा ब्लैक होल माना गया है। माना जाता है कि ब्रह्मांड के करोड़ों तारों को मिलाकर जितनी रोशनी होगी, यह उससे कई गुना ज्यादा चमकदार है।