BJP-Facebook विवाद / संबित पात्रा का राहुल गांधी पर हमला, कहा- नियंत्रण से बाहर जा रही है कांग्रेस पार्टी

By: Pinki Mon, 17 Aug 2020 3:39:15

BJP-Facebook विवाद / संबित पात्रा का राहुल गांधी पर हमला, कहा-  नियंत्रण से बाहर जा रही है कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) भारत में फेसबुक और वाट्सएप पर नियंत्रण करती हैं। राहुल गांधी ने रविवार को कहा था, 'भाजपा-आरएसएस भारत में फेसबुक और वाट्सएप का नियंत्रण करती हैं। इस माध्यम से ये झूठी खबरें व नफरत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं। आखिरकार, अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक का सच सामने लाया है।'

राहुल गांधी के इस आरोप के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने जवाब दिया है। भाजपा नेता ने राहुल को असफल नेता बताया है। संबित पात्रा ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा, 'राहुल गांधी एक असफल नेता हैं और स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं उनकी खीझ और बौखलाहट दिख रही है। राहुल गांधी कांग्रेस के ऊपर ही नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं, नियंत्रण से बाहर कांग्रेस पार्टी जा रही है और उसका प्रलाप राहुल गांधी कर रहे हैं।'

बीजेपी नेता एवं संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया। रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'तथ्य यह है कि आज सूचना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। यह अब आपके परिवार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है और इसीलिए आपको दुख होता है। खैर आपने बेंगलुरु हिंसा की निंदा नहीं की। आपकी हिम्मत कहां चली गई।'

कांग्रेस का पलटवार

रविशंकर प्रसाद के ट्वीट पर कांग्रेस ने पलटवार किया। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'ऐसा लगता है कि झूठे ट्वीट और झूठा एजेंडा ही एकमात्र रास्ता बन गया है। कांग्रेस ने कभी कैम्ब्रिज एनेलिटिका की सेवाएं नहीं लीं।' सुरजेवाला ने दावा किया कि बीजेपी कैम्ब्रिज एनेलिटिका की क्लाइंट रही है। कानून मंत्री यह क्यों नहीं बताते।

भारत में सिर्फ कांग्रेस-बीजेपी में सियासी वॉर ही नहीं जारी है बल्कि राजनीतिक दलों के नेताओं ने फेसबुक की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, 'मार्क जकरबर्ग कृपया इस पर बात करें। प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक अंखी दास को फेसबुक में नियुक्त किया गया जो खुशी-खुशी मुस्लिम विरोधी पोस्ट को सोशल मीडिया पर अप्रूव करता है। आपने साबित कर दिया कि आप जो उपदेश देते हैं उसका पालन नहीं करते।'

वहीं एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने फेसबुक पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट किया। 'अलग-अलग लोकतंत्र में फेसबुक के अलग-अलग मानक क्यों हैं? यह किस तरह का निष्पक्ष मंच है? यह रिपोर्ट बीजेपी के लिए नुकसानदेह है- बीजेपी के फेसबुक के साथ संबंधों का खुलासा हो गया है और फेसबुक कर्मचारी पर बीजेपी के नियंत्रण की भी प्रकृति सामने आई है।'

फेसबुक की सफाई

भारत में उठ रहे सवालों के बीच फेसबुक ने रविवार को कहा, 'हम हेट स्पीच और ऐसी सामग्री पर बंदिश लगाते हैं जो हिंसा को भड़काता है। हम ये नीति वैश्विक स्तर पर लागू करते हैं। हम किसी की राजनीतिक स्थिति या जिस भी पार्टी से नेता संबंध रख रहा, नहीं देखते हैं।'

फेसबुक के प्रवक्ता ने आगे कहा, 'हम जानते हैं कि इस क्षेत्र में (हेट स्पीच और भड़काऊ कंटेंट को रोकने) और ज्यादा काम करने की जरूरत है। हम आगे बढ़ रहे हैं। निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हम अपनी प्रक्रिया का नियमित ऑडिट करते हैं।'

वहीं, सोमवार को फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि पूरे विश्व में हमारी नीतियां एक जैसी हैं। हम किसी की भी राजनीतिक हैसियत/पार्टी की संबद्धता के बिना हम घृणा फैलाने वाले भाषण और कंटेंट को बैन करते हैं। हम निष्पक्षता और सटीकता के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसके लिए नियमित ऑडिट करते हैं। फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, 'हम हिंसा को उकसाने वाली हेट स्पीच और कंटेंट को प्रतिबंधित करते हैं। हम यह देखे बिना इन नीतियों को दुनियाभर में लागू करते हैं कि किसी की क्या राजनीतिक हैसियत है या वो किस दल से जुड़ा है। हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को और धारदार बना रहे हैं।'

रिपोर्ट में क्या है, जिससे हुआ विवाद

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल में 'फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स' हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट से पूरा विवाद खड़ा हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतता है। फेसबुक कर्मचारियों का कहना था कि भारत में ऐसे कई लोग हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरत फैलाते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वर्चुअल दुनिया में नफरत वाली पोस्ट करने से असली दुनिया में हिंसा और तनाव बढ़ता है।

इसमें तेलंगाना से बीजेपी सांसद टी राजा सिंह की एक पोस्‍ट का जिक्र है। पोस्ट में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की वकालत की गई है। रिपोर्ट को फेसबुक के कर्मचारियों से बातचीत के हवाले से लिखी गई है। फेसबुक कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने टी राजा सिंह की पोस्‍ट का विरोध किया था और इसे कंपनी के नियमों के खिलाफ माना था, लेकिन कंपनी के भारत में टॉप लेवल पर बैठे अधिकारियों ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था।

बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब फेसबुक को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने उन पांच बातों के उल्लेख के साथ एक रिपोर्ट में बताया कि फेसबुक के नेटवर्क और डेटा का इस्तेमाल डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी मुहिम को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
चीन सीमा विवाद को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

बता दे, इससे पहले राहुल ने चीन सीमा विवाद को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री को छोड़कर सभी को भारतीय सेना पर विश्वास है। उन्होंने कहा था, हर कोई भारतीय सेना की क्षमता और वीरता पर विश्वास करता है, पीएम को छोड़कर, जिनकी कायरता ने चीन को हमारी जमीन लेने की अनुमति दी। जिनके झूठ से यह सुनिश्चित होगा कि वे इसे बनाए रखेंगे।'

शुक्रवार को राहुल ने कहा था कि सरकार लद्दाख मामले में चीनी इरादों का सामना करने से डर रही है। जमीन पर मौजूद सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि चीन खुद को तैयार कर रहा है और अपनी स्थिति मजबूत बना रहा है।

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