RBI ने दिया झटकाः कर्ज लेना हुआ महंगा, बढ़ जाएगी आपकी होम-ऑटो लोन की ईएमआई
By: Priyanka Maheshwari Wed, 01 Aug 2018 3:07:15
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा झटका देते हुए रेपो रेट में 0.25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है। कंपनी ने रिवर्स रेपो रेट में भी बदलाव कर दिया है। रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दी है। वहीं, रिवर्स रेपो रेपो रेट 6 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी हो गई है। आपके होम और ऑटो लोन की ईएमआई बढ़ सकती है। आपको बता दें कि जून में में भी आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस बढ़त के साथ रेपो रेट 6.25 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी।
बैंक बढ़ा देंगे ब्याज दरें
अगर आरबीआई रेपो रेट में बदलाव करता है तो इसका असर तुरंत देखने को मिलेगा, क्योंकि बैंक सभी प्रकार के लोन पर ब्याज दरों को बढ़ा देंगे। खुदरा महंगाई दर के मई में चार महीने के ऊपरी स्तर 4.87 फीसदी पर पहुंचने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगस्त में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में फिर एक बार मुख्य ब्याज दर में वृद्धि करने को बाध्य हो सकता है। यह बात विभिन्न विश्लेषकों ने कही।
यह है अनुमान
कई आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों ने माना है कि महंगाई दर और डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये को काबू में रखने के लिए आरबीआई 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करने को बाध्य होगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा था कि मुख्य ब्याज दर बढ़ने से कारोबार करने की लागत बढ़ेगी और देश के कारोबारी निवेश की गति घटाने को बाध्य होंगे, जो कि विकास को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है।
फ्रांस की ब्रोकरेज कंपनी बीएनपी पारिबा की एक रिपोर्ट में विश्लेषकों ने कहा है कि आगामी महीनों में विभिन्न कारणों से मुख्य क्षेत्रों की महंगाई और खुदरा महंगाई बढ़ने का अंदेशा है और हमारा मानना है कि आरबीआई एक बार और मुख्य ब्याज दर में 0.25 फीसदी बढ़ोतरी कर सकता है।
यूबीएस सिक्योरिटीज ने भी कहा कि अगस्त में दर में वृद्धि की जा सकती है। यदि कच्चे तेल की कीमत मौजूदा स्तर पर बनी रहती है और मुख्य क्षेत्रों की महंगाई ऊपर की ओर बनी रहती है, तो अगली दर वृद्धि अगस्त में ही हो सकती है।
कितनी बढ़ेगी EMI
अगर अभी ब्याज दर 10 फीसदी है तो 20 साल के लिए 20 लाख रुपये के होम लोन पर 19300 रुपये की ईएमआई बनती है। अगर रेपो दर में बढ़ोतरी के बाद बैंक चौथाई फीसदी ब्याज दर बढ़ाते हैं तो 10.25 फीसदी के ब्याज दर पर ईएमआई बढ़कर 19633 रुपये हो जाएगी यानी हर महीने 333 रुपये का बोझ बढ़ेगा।
महंगाई बढ़ने की आशंका
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही के दौरान खुदरा मूल्य पर आधारित महंगाई की दर के 4.8 से 4.9 फीसदी के बीच रहने की संभावना जताई है। चालू वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान इसके 4.7 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया गया है। इससे पूर्व के अनुमान में पहली छमाही 4.7-5.1 फीसदी और दूसरी छमाही में 4.4 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
विकास दर अनुमान यथावत
केन्द्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अर्थव्यवस्था विकास दर के अनुमान को 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है। इस वर्ष पहली छमाही --अप्रैल-सितंबर-- के बीच 7.5-7.6 फीसदी की विकास दर रहने का अनुमान है, जबकि दूसरी छमाही के दौरान 7.3-7.4 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है।
रेपो रेट- रोजमर्रा के कामकाज के लिए बैंकों को भी बड़ी-बड़ी रकमों की ज़रूरत पड़ जाती है, और ऐसी स्थिति में उनके लिए देश के केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज लेना सबसे आसान विकल्प होता है। इस तरह के ओवरनाइट ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।
रिवर्स रेपो रेट- जैसा इसके नाम से ही साफ है, यह रेपो रेट से उलट होता है। जब कभी बैंकों के पास दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकमें बची रह जाती हैं, वे उस रकम को रिजर्व बैंक में रख दिया करते हैं, जिस पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। अब रिजर्व बैंक इस ओवरनाइट रकम पर जिस दर से ब्याज अदा करता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।